डॉ. रहीस सिंह इतिहासविद् होने के साथ-साथ आर्थिक तथा वैदेशिक मामलों के विशेषज्ञ भी हैं। पिछले तीन दशकों में उन्होंने पत्रकारिता के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य किया है। उन्होंने इन दशकों में भारत की लगभग सभी हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में स्तंभ-लेखन व संपादन के जरिए राष्ट्र की उपलब्धियों और चुनौतियों को जन-गण के सामने रखा है। साथ ही समय-समय ऐसे पक्षों का अन्वेषण एवं आकलन करने का दायित्व भी निभाया है, जिन्हें संघ व राज्य सरकारों द्वारा भी स्वीकारा गया। इस दौरान उन्होंने इतिहास, विदेश नीति, अंतरराष्ट्रीय संबंध और अर्थनीति से जुड़ी उन्नीस पुस्तकों की रचना की है, जिनका प्रकाशन राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रकाशन संस्थानों द्वारा किया गया है। वर्तमान में वे एक ‘थिंक टैंक’ एवं ‘एक्सपर्ट व्यूज’ (दैनिक भास्कर) के रूप में कार्य करने की दिशा में अध्ययन कर रहे हैं कि भारत पुनः कैसे विश्वगुरु बन सकता है एवं महाशक्ति की स्थिति में पहुँच सकता है तथा इस दिशा में आगे बढ़ते हुए भारत की पौराणिक संस्कृति, अध्यात्म, एक्वायर्ड इंटेलिजेंस तथा मानव संसाधन आदि की क्या भूमिका होनी चाहिए।