राहुल पंडिता पेशे से पत्रकार व लेखक हैं और दिल्ली में निवास करते हैं। उनकी पुस्तक ‘अवर मून हैज ब्लड क्लॉट्स’ सर्वकालिक बिकनेवाली पुस्तकों में शामिल है तथा कई भारतीय भाषाओं में इसका अनुवाद भी किया गया है। वे ‘द लवर बॉय ऑफ बहावलपुर’ एवं ‘हेलो बस्तर : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ इंडियाज मॉइस्ट मूवमेंट’ नामक पुस्तक के लेखक हैं और ‘द ऐब्सेंट स्टेट’ के सह-लेखक भी।
उन्होंने इराक और श्रीलंका जैसे युद्ध क्षेत्रों से व्यापक स्तर पर रिपोर्टिंग भी की है। वर्ष 2010 में युद्ध पर रिपोर्टिंग करने के लिए उन्हें ‘इंटरनेशनल रेड क्रॉस अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। वर्ष 2015 में उन्हें भारत की ओर से प्रतिष्ठित ‘येल वल्र्ड फेलोशिप’ के लिए चुना गया था।