राजेन्द्र मोहन शर्मा लंबे समय से साहित्य के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके राजेंद्रजी की रचनाओं में ‘आखिर क्यों’ (काव्य-संग्रह), ‘टेढ़ी बत्तीसी’ (व्यंग्य), ‘दीनदयाल’ (कहानी-संग्रह), ‘रंजना की व्यंजना’ (व्यंग्य-संग्रह), ‘सामयिक सरोकार’ (आलेख) प्रकाशित हो चुकी हैं। चार कृतियाँ प्रकाशनाधीन। प्रयोगवादी, भाषा संसार के नए प्रयोगों के वाहक। संप्रति स्वतंत्र लेखन। सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में लेखन। सुप्रसिद्ध रचना ‘विनायक त्रयी’ के रचनाकार के रूप में आपको देश भर में विशेष आदर और सम्मान प्राप्त हुआ है।
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