दरभंगा (बिहार) में जनमे (5 मई, 1964 ई.) राजेश की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा अपने गृह नगर में ही हुई। हिंदी में एम.ए.और फिर बी.एच.यू.से पी-एच.डी.(जे.आर.एफ.)। बचपन से ही क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी, समाजवादी और जीवन के उत्तरार्द्ध में महान् साधक श्री रामनंदन मिश्रजी के स्नेह-सान्निध्य का सौभाग्य मिला। बाबूजी (श्री रामनंदन मिश्रजी) ने समाज-परिवर्तन और विश्व-कल्याण का महान् लक्ष्य सामने रखा। उन्हीं के मार्गदर्शन में आध्यात्मिक साधना का शुभारंभ भी हुआ। सन् 2002 से भिक्षावृत्ति का आश्रय ले, झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले के सरिया नामक स्थान में निवास।