अद्वितीय संगठन कौशल के धनी, कुशल प्रशासक व देश के राजनीतिक क्षितिज में अपना विशिष्ट स्थान स्थापित कर चुके श्री राजनाथ सिंह का जन्म पूर्वांचल के चंदौली जनपद के बभोरा गाँव में 10 जुलाई, 1951 में एक कृषक परिवार में हुआ। राष्ट्रवाद के प्रति उनकी प्रबल इच्छा ने उन्हें विद्यार्थी जीवन में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवकसंघ का स्वयंसेवक बनने के लिए प्रेरित किया। संघ में विभिन्न उत्तरदायित्वों को निर्वाह करने के पश्चात् 1977 में उ.प्र. विधानसभा के सदस्य चुने गए। भाजपा में विभिन्न पदों पर अपनी अद्वितीय क्षमताओं का परिचय देते हुए 1997 में वे उ.प्र. भाजपा के अध्यक्ष बने। अप्रतिम राजनीतिक सूझबूझ के परिणामस्वरूप 1998 के लोकसभा चुनावों में उ.प्र. में भाजपा ने 58 सीटों पर विजय प्राप्त की। वर्ष 1992 में शिक्षा मंत्री के रूप में नकल विरोधी एक्ट पारित कराकर उन्होंने उ.प्र. की शिक्षा प्रणाली में अभूतपूर्व सुधार किया।
माननीय अटलजी नीति राजग सरकार में भूतल परिवहन मंत्री के रूप में उनके ड्रीम प्रोजेक्ट राष्ट्रीय राजमार्ग को प्रारंभ किया। केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में किसानों के कर्ज पर ब्याज दर 14% से घटाकर 8% की। किसानों के हित के लिए कृषक आयोग की स्थापना की और कृषि बीमा योेजना प्रारंभ की। सन् 2010 में संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली में अटलजी के अतिरिक्त एक मात्र नेता हैं, जिन्होंने हिंदी में अभिभाषण दिया।
स्वभाव से सरल, मृदुभाषी, धैर्यवान श्री राजनाथ सिंह को सन् 2005 में भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 2013 में पुनः उन्हें अध्यक्ष पद का महत्त्वपूर्ण दायित्व सौंपा गया। उन्होंने कार्यकर्ताओं में अपूर्व उत्साह संचार किया है और देश को एक सशक्त-सबल राष्ट्र बनाने के स्वप्न को पूरा करने के लिए कृतसंकल्प भी।