मध्यम परिवार में जनमे राम किशोर छात्र जीवन से ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस, शहीदे आजम भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ, क्रांतिवीर चंद्रशेखर ‘आजाद’ इत्यादि क्रांतिकारियों के जीवन और विचारों से प्रभावित रहे। उच्च शिक्षा ग्रहण करने के दौरान वे आचार्य नरेंद्र देव, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, डॉ राम मनोहर लोहिया, एसएम जोशी, मधु लिमये, मधु दंडवते, सुरेंद्र मोहन जैसे समाजवादी नेताओं-चिंतकों के संपर्क में आए और उनके साथ संघर्षों में भाग लिया।
उनकी अब तक नौ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं—‘पोटा—एक काला कानून’, ‘इनकलाब जिंदाबाद’, ‘नेताजी सुभाषचंद्र बोस’, ‘सोशलिस्ट चिंतक विचारक श्री मधु लिमये’, ‘धर्म निरपेक्षता और राष्ट्रीय एकता’, ‘जब्तशुदा कहानियाँ’, ‘फाँसी के तख्ते से’, ‘प्रेरक प्रसंग’, ‘डॉ राही मासूम रजा की कहानियाँ’। देश के विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाओं में अब तक 200 से अधिक लेख प्रकाशित।
संप्रति : डॉ राही मासूम रजा साहित्य अकादमी के महामंत्री तथा सोशलिस्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष।