मॉरीशस के हिंदी लेखकों में एक यशस्वी व चर्चित नाम। साहित्यिक संस्थाओं में हिंदी लेखन के लिए प्रशिक्षण देने में वर्षों से सक्रियता। स्थानीय रेडियो में तीन सौ से अधिक स्व लिखित एकांकी की प्रस्तुति। दूरदर्शन पर धारावाहिकों का प्रसारण। ‘वसंत’, ‘रिमझिम’ और ‘निर्माण’ पत्रिकाओं का संपादन। अनेक रचनाओं का फ्रेंच में अनुवाद। मॉरिशस में दसेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महात्मा गांधी संस्थान में सत्ताईस वर्षों तक प्रकाशन विभाग से जुड़े रहे। विश्व हिंदी सम्मेलनों में सहभागिता एवं सम्मानित।
प्रकाशन : ‘छोटी मछली बड़ी मछली’, ‘चेहरों का आदमी’, ‘बनते बिगड़ते रिश्ते’, ‘पूछो इस माटी से’, ‘पथरीला सोना’ तीन खंड (उपन्यास), ‘विष-मंथन’ (कहानी संग्रह), ‘चेहरे मेरे तुम्हारे’, ‘यात्रा साथ-साथ’, ‘एक धरती एक आकाश’, ‘आते-जाते लोग’ (लघु कथा संग्रह), ‘कलजुगी करम-धरम’, ‘बंदे, आगे भी देख’, ‘चेहरों के झमेले’, ‘पापी स्वर्ग’ (व्यंग्य संग्रह), ‘इतिहास का दर्द ’ (फ्रेंच में अनूदित नाटक) तथा पत्रिकाओं में पचास से अधिक कहानियाँ और दर्जनों लेख प्रकाशित। मॉरीशस की पत्रिकाओं में सौ के लगभग कहानियाँ, अनेकों लेख, निबंध, नाटक और व्यंग्य रचनाएँ प्रकाशित।