बी.एस.सी. करने के बाद छात्रों को फिजिक्स, कैमिस्ट्री व मैथ्य की ट्यूशन कर रहे रमेश रंजन को कॉलेज जीवन से ही लिखने का शौक रहा, जो अब भी जारी है। पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रचनाएँ प्रकाशित।