रंजना चितले
जन्म : ग्राम पीलूखेड़ी, जिला राजगढ़, (म.प्र.)।
शिक्षा : स्नातकोत्तर-बायोसाइंस (विशेषज्ञता जैव रसायन), पत्रकारिता, यौगिक साइंस। देशभर के प्रमुख समाचार पत्र-पत्रिकाओं में विश्लेषणात्मक लेख, आलेख, कथा, कविता, कहानी का नियमित लेखन।
शोध : स्वाधीनता संग्राम में महिलाओं की वैचारिक और सक्रिय भागीदारी, गुना व अशोक नगर जिले का स्वाधीनता संग्राम, महिला नेतृत्व।
कृतियाँ : कहानी-संग्रह—आहटों के दर्द, रिश्तों के अर्थ, आजाद कथा, नाटक— जनयोद्धा, सिपाही बहादुर, झलकारी।
प्रकाशनाधीन : उपन्यास ‘साथ’, कहानी-संग्रह ‘आधा सच’।
मंचित नाटक : महानाट्य : राष्ट्रपुरुष अटल, जनयोद्धा-टंट्या भील, रानी दुर्गावती, अपनी बात, हिंद के आजाद, अजीजन, भीमा नायक, नर्मदा : नृत्य नाटिका, 1857 का मुक्ति संग्राम, झलकारी, सिपाही बहादुर, अपना जतन, चलो पढ़ाएँ, अपनी जीत, कराधान।
सम्मान : मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी पुरस्कार, मीर अली पुरस्कार।
संप्रति : संपादक, मध्य प्रदेश पंचायिका—पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, मध्य प्रदेश की मासिक पत्रिका।