Ratan Sharda
Ratan Sharda has been an RSS member since his childhood and has worked closely with many of the major RSS affiliated organisations as a senior activist.
An Arts graduate from St. Xavier’s College and Post Graduate from Mumbai University, he has received Doctorate of Philosophy from Hindu University of America, Orlando on ‘Understanding RSS through its Resolutions-Focus on North East, Jammu & Kashmir and Punjab.’
His book ‘RSS360°-Demystifying Rashtriya Swayamsevak Sangh’ is considered the best introduction to RSS now. He has written 'Prof Rajendra Singh ki Jeevan Yatra' in Hindi and 'Memoirs of a Global Hindu' about RSS inspired work outside India. He has translated two major works of Shri Ranga Hari
on Shri Guruji, the second Sarsanghchaalak of RSS. Ratan Sharda has mentored many budding writers. He is freelance columnist on various news portals and Organiser weekly, and a well known face on many English and Hindi channels as a senior political analyst.
रतन शारदा बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे हैं और संघ से संबद्ध अनेक प्रमुख संगठनों के साथ वरिष्ठ कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर चुके हैं।
सेंट जेवियर कॉलेज से आर्ट्स ग्रैजुएट तथा बंबई यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रैजुएट कर चुके रतन शारदा ने ओरलैंडो स्थित हिंदू यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका से संघ को इसके संकल्पों से समझना, पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर और पंजाब पर फोकस विषय पर डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी की उपाधि प्राप्त की है।
उनकी पुस्तक ‘आर.एस.एस. 360ए—डिमिस्टिफाइंग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ को आज संघ पर सर्वोत्तम पुस्तक माना जाता है। उन्होंने हिंदी में संघ के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह की जीवनयात्रा और भारत से बाहर संघ के प्रेरक कार्यों पर ‘मेमोयर्स ऑफ ए ग्लोबल हिंदू’ पुस्तकें लिखी हैं। उन्होंने संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी पर लिखी श्री रंगा हरि की कृति का अनुवाद किया है। रतन शारदा ने अनेक नए लेखकों का मार्गदर्शन किया है। वे अनेक न्यूज पोर्टल तथा ‘ऑर्गेनाइजर वीकली’ के स्वतंत्र स्तंभकार हैं तथा वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक के रूप में अनेक अंग्रेजी तथा हिंदी चैनलों पर एक जाना-माना चेहरा हैं।