Since the author has been actively involved in cricket as a commentator for nearly half-a-century, he got an opportunity to explore avenues beyond the accepted norms. When Dr. Heiner Gillmeister, a Professor at the University of Bonn in Germany came up with a theory that cricket is a game of Flemish origin played in the County of Philanders, it took the author to his childhood game of Gulli Danda. It aroused in him an insatiable hunger to delve deep and find out other indigenous games akin to the primitive game of cricket played by the Philanders. Going through the life of Lord Krishna, the author came to know of a game Kanduka Krida played in Vrindavan by the shepherds with Krishna. A thorough research, substantiated by relevant quotes from the scriptures, helped the author establish the similarity between Kanduka Krida and archaic cricket.
The analogy in the book that Sanjaya of Mahabharata was the first commentator of the world at Kurukshetra, describing the events with the help of his celestial vision which the author equates with the lens of the television camera. Indian mythology again finds place in cricket where the author finds a distinct functional similarity between the Third Eye of Lord Shiva and the Third Umpire of cricket. It is a unique book which acknowledges that Indian scriptures are a storehouse of vast unexplored knowledge.
खेल-प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देनेवाली जादुई आवाज और दूरदर्शन के परदे पर मुसकराता गंभीर चेहरा क्रिकेट उद्घोषक रवि चतुर्वेदी की पहचान बन चुका है। स्वतंत्र खेल पत्रकार और क्रिकेट की दुनिया में ‘पंडितजी’ के रूप में सुपरिचित श्री चतुर्वेदी आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। आपकी करीब एक दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हैं।
वर्तमान में आप एक वरिष्ठ खेल पत्रकार हैं। आपकी शिक्षा-दीक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय, चेकोस्लोवाक विज्ञान अकादमी और विंडसर विश्वविद्यालय, ओंटेरियो, कनाडा में हुई है। खेलों के प्रति आपका लगाव बचपन से ही रहा है। विश्वविद्यालय स्तर के छात्र जीवन तक आप लगातार क्रिकेट खेलते रहे हैं।
आपकी पहली पुस्तक ‘वेस्ट इंडीज-इंडिया टेस्ट क्रिकेट’ सन् 1976 में प्रकाशित हुई थी। सन् 1962 से लगातार कमेंट्री करते हुए आप अब तक 100 से अधिक टेस्ट मैचों और 152 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों का प्रसारण कर चुके हैं।
सन् 1994 में ‘वर्ल्डटेल’ ने आपको अंतरराष्ट्रीय उद्घोषक की टीम में सम्मिलित किया। सन् 1996 में सिंगापुर, शारजाह, वेस्ट इंडीज और इंग्लैंड में ‘स्टार स्पोर्ट्स’ की कमेंट्री टीम में सक्रिय रहे। सन् 1999 में भारत-न्यू जीलैंड श्रृंखला के लिए टी.डब्ल्यू.आई. की कमेंट्री टीम में भी थे। आप हिंदी के ऐसे उत्कृष्ट उद्घोषक हैं, जिन्हें खेल के मर्म और बारीकियों की गहरी समझ है।