बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री रवींद्र जैन विश्वप्रसिद्ध गीतकार, संगीतकार तथा गायक हैं। प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से ‘संगीत प्रभाकर’ की डिग्री लेने के बाद उन्होंने अपने कृतित्व से भारतीय साहित्य और संगीत को बहुत समृद्ध किया। आपकी अधिकांश फिल्मों ने रजत जयंती तथा स्वर्ण जयंती मनाई है, जिनमें कुछ प्रमुख हैं—‘सौदागर’, ‘चोर मचाए शोर’, ‘गीत गाता चल’, ‘फकीरा’, ‘अँखियों के झरोंखों से’, ‘दुल्हन वही जो पिया मन भाए’, ‘चितचोर’, ‘नदिया के पार’, ‘ब्रजभूमि’, ‘राम तेरी गंगा मैली’, ‘हिना’, ‘विवाह’ आदि। रामायण, श्री कृष्ण, जय हनुमान, साईं बाबा जैसे अनेक ऐतिहासिक धारावाहिकों में भी आपका ही गीत-संगीत है।
साहित्य और संगीत की सेवा करते हुए आपने अनेक महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त किए हैं, जिनमें उर्दू शायरी की पुस्तक ‘उजालों का सिलसिला’ के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा साहित्य अकादमी पुरस्कार, ‘रसेश्वर, सुर शृंगार’, यूथ नेशनल अवार्ड, फिल्म फेयर अवार्ड (राम तेरी गंगा मैली), दादा साहेब फाल्के अवार्ड, लता मंगेशकर अवार्ड, अमीर खुसरो अवार्ड, स्वामी हरिदास, प्रियदर्शिनी, संगीत ज्ञानेश्वर, संगीत सम्राट् आदि।
आपकी जीवनी पर आधारित पुस्तक ‘सुनहरे पल’ तथा आपकी गजलों का संग्रह ‘दिल की नजर से’ प्रकाशित। आपने कुरान शरीफ का अरबी भाषा से सहल उर्दू जबान में तर्जुमा किया है। साथ ही श्रीमद्भगवत गीता का सरल हिंदी पद्यानुवाद भी कर चुके हैं। श्रीमद््भागवतम, सामवेद तथा उपनिषदों का हिंदी अनुवाद चल रहा है। इसके अतिरिक्त जैन धर्म के बालबोध का पद्यानुवाद कर चुके हैं तथा कई अन्य ग्रंथों पर आपका लेखन कार्य चल रहा है। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (मुरादाबाद) ने आपको भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के हाथों डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की है।