सहना विजयकुमार
कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर की मूल निवासी हैं। फिलहाल बेंगलुरु में बसी हैं और सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उपन्यास लिखने से पहले वह पत्रिका में लेख लिखती थीं। ‘कशीर’ उनका दूसरा उपन्यास है, जो उनकी मातृभाषा कन्नड़ में 2018 में प्रकाशित हुआ। वाचकों ने पुस्तक की बड़ी सराहना की और अब तक इसके पाँच संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। ‘कशीर’ अब हिंदी के साथ-साथ, अंग्रेजी और मराठी में भी प्रकाशित हो रहा है। इनका पहला उपन्यास ‘क्षमा’ सन् 2016 में प्रकाशित हुआ था और तीसरा, ‘अवसान’ फरवरी 2020 में प्रकाशित हुआ। प्रसिद्ध कन्नड़ लेखक डॉ. एस.एल. भैरप्पा का इन्हें मार्गदर्शन मिला है।