पत्रकार से राजनेता बने डॉ. संजय लाठर की पहचान युवा समाजवादी चिंतक और चुनाव-प्रबंधक के रूप में है। छात्र आंदोलनों में अपनी सक्रियता के दौरान वे समाजवाद से परिचित हुए। एक बार लोहिया को पढ़ना शुरू किया तो समाजवाद के रंग में रँगते ही चले गए। समाजवाद, राजनीति और सामाजिक ताने-बाने की गहरी समझ ने उन्हें सफल चुनाव-प्रबंधक बना दिया। वे समाजवादी पार्टी के युवा रणनीतिकार हैं। पार्टी की तरफ से उन्हें समय-समय पर चुनावी प्रबंधन की भी जिम्मेदारी मिलती रही है। डॉ. सजय लाठर समाजवादी छात्र सभा और समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
हरियाणा के जींद जिले की जुलाना तहसील के बूढ़ा खेड़ा लाठर गाँव में पैदा हुए संजय लाठर की कर्मभूमि उत्तर प्रदेश रही है। छात्र जीवन का ज्यादातर वक्त भी यहीं बीता। राजनीति और समाजवाद की समझ भी यहीं बनी। राजनीति शास्त्र, इतिहास, कानून और जनसंचार में उच्च अध्ययन करनेवाले संजय लाठर ने पत्रकारिता में पी-एच.डी. भी की है। कुछ समय तक वे पत्रकारिता में सक्रिय रहे और विभिन्न मीडिया संस्थानों में काम भी किया। लेकिन समाज बदलने की डॉ. लोहिया की प्रेरणा ने उन्हें राजनीति की ओर मोड़ दिया। फिलहाल वे उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य हैं।