Santosh Shailja was born on 14th April, 1937 in Amritsar (Punjab). She had her education upto Matriculation there. After that her parents shifted to Delhi where she did her B.A. and M.A. (Hindi). After doing her B.Ed. she taught in Govt. Higher Secondary School in Delhi. After marriage with Shri Shanta Kumar in 1964, both came to live in Palampur, Himachal Pradesh. She is blessed with three daughters and a son. All are married and blessed with children.
As she had an aptitude for reading and writing, her first story appeared in Panchjanya, a Hindi weekly from Delhi. Afterwards, she regularly wrote stories for Saptahik Hindustan, Dharmayuga, Sarika, Kadambini.
जन्म : 14 अप्रैल, 1937, अमृतसर (पंजाब)।
शिक्षा : एम.ए., बी.एड.।
पश्चात् कुछ वर्ष दिल्ली में अध्यापन-कार्य किया। फिर शान्ता कुमारजी के साथ विवाह और पालमपुर (हिमाचल प्रदेश) में स्थायी निवास। लेखन-कार्य में रुचि होने से दिल्ली की पत्र-पत्रिकाओं में कहानियाँ प्रकाशित। पहली पुस्तक 1966 में ‘जौहर के अक्षर’ (कहानी संग्रह) के पश्चात् अब तक तीन उपन्यास ‘कनकछड़ी’, ‘अंगारों में फूल’, ‘सुन मुटियारे’ एवं पाँच कहानी संग्रह ‘ज्योतिर्मयी’, ‘टाहलियाँ’, ‘मेरी प्रतिनिधि कहानियाँ’, ‘हिमालय की लोक कथाएँ’, ‘जौहर के अक्षर’; दो कविता-संग्रह ‘ओ प्रवासी मीत मेरे’, ‘कुहुक कोयलिया की’ प्रकाशित। इनमें से ‘ओ प्रवासी मीत मेरे’ एवं ‘ज्योतिर्मयी’ में पति-पत्नी दोनों की सम्मिलित रचनाएँ हैं।