अध्यात्म शास्त्र में परास्नातक पं. सत्य प्रकाश द्विवेदी राष्ट्रीय स्तर के ख्याति-प्राप्त ज्योतिषी हैं, जो ज्योतिष और अध्यात्म से संबंधित सभी विधाओं पर पिछले 20 वर्षों से अनुसंधानरत हैं; इसके अतिरिक्त ज्योतिष और चिकित्सा शास्त्र, ज्योतिष और अपराध शास्त्र एवं ज्योतिष और वनस्पति तंत्र आदि विषयों पर भी शोध कार्य। पिछले दस वर्षों से लखनऊ के अध्यात्म एवं ज्योतिष शोध संस्थान में निदेशक (अवैतनिक) तथा वर्तमान में उत्तर प्रदेश वन विभाग में ज्येष्ठ लेखा परीक्षक के पद पर कार्यरत।
लेखक की यह प्रथम पुस्तक है, जो जन मानस के लिए सरल भाषा में संपूर्ण पंचांग का परिचय कराती है। आज के इस भौतिक युग में जातक के पास समय प्रबंधन की बड़ी समस्या है, जिसका एक मात्र समाधान काल को अच्छी तरह से समझ लेने में है। यदि जातक काल के अनुसार कार्य का चुनाव करे तो अपेक्षित कम श्रम में अधिक लाभ प्राप्त कर सकता है, अत: इसी काल की पहचान के लिए हमारे ऋषियों/मनीषियों ने पंचांग का निर्माण किया, जो सारे विश्व में काल-गणना का अद्भुत शास्त्र है, उसी पंचांग का संपूर्ण ज्ञान इस पुस्तक का मुख्य ध्येय है।