शम्भूरत्न त्रिपाठी
भारतीय संस्कृति, समाज शास्त्र, नृतत्त्वशास्त्र, गांधीवाद, योग-अध्यात्म, साहित्यिक अनुसंधान और समीक्षा के सुपरिचित रचनाकार थे। विविध विषयों पर उनके पचास से अधिक ग्रंथ प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने अनेक पत्रों व साहित्यिक ग्रंथमालाओं का संपादन किया और वैचारिक, दार्शनिक ग्रंथों का अनुवाद भी। उनके ग्यारह अकादमिक ग्रंथ सरकार द्वारा पुरस्कृत हुए हैं, जिन्हें विभिन्न विश्व-विद्यालयों ने अपने पाठ्यक्रमों में स्थान दिया है। पी-एच.डी. और डी.लिट. के बीसीयों छात्रों ने उनसे मार्गदर्शन प्राप्त कर साहित्यिक क्षेत्र में अपना मौलिक योगदान दिया। भारत सरकार के पारिभाषिक शब्दावली आयोग के सलाहकार समिति के सदस्य रहे। साप्ताहिक पत्रिका ‘मनु’ और ‘कंचनप्रभा’ मासिक के संपादक भी रहे।
स्मृतिशेष : 10 अक्तूबर, 1988