शशि शेखर शर्मा संप्रति बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग के माननीय सदस्य हैं। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (से.नि.) के 1985 बैच के वरीय पदाधिकारी रहे और इस रूप में राज्य सरकार एवं भारत सरकार में कई महत्त्वपूर्ण पदों का दायित्व सँभाला।
श्री शर्मा ने धर्मों का इतिहास तथा विभिन्न रिलीजंस के मूल सिद्धांतों का गहन अध्ययन किया है। वे भारतीय धर्म एवं चिंतन-परंपरा के भी गहन अध्येता हैं। इसके अलावा उन्होंने दशकों तक इसलाम का भी अध्ययन किया है। इतने विविध विषयों पर उनकी पकड़ विलक्षण है और धर्मशास्त्र तथा तत्त्व-मीमांसा जैसे विषयों पर उनके लेखन को विद्वज्जनों की व्यापक सराहना मिली है। वे हिंदी के जाने-माने कवि और कहानीकार भी हैं। अब तक हिंदी में उनके दो काव्य-संग्रह प्रकाशित हुए हैं—‘इस भँवर के पार’ और ‘हरसिंगार के सपने’। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकें हैं—‘ओह माई गॉड’, ‘नेचर ऑफ डिवाइन फाइटलाइंस’, ‘कैलिफ्स ऐंड सुल्तान्स, रिलीजियस आइडियोलॉजी ऐंड पॉलिटिकल प्रैक्टिस’, ‘इमैजिंड मनुवाद’।
इसके अतिरिक्त भारतीय ज्ञान-परंपरा पर उनकी दो पुस्तकें हैं—‘प्राचीन भारत के गणितज्ञ एवं खगोलशास्त्री’ तथा ‘प्राचीन भारत के फिजिशियन एवं शल्य-चिकित्सक’।