किसी भारतीय भाषा में सात खंडों में सृजित प्रथम बृहद् बाल एवं किशोरोपयोगी उपन्यास के रचनाकार श्रीनिवास वत्स गत चालीस वर्षों से साहित्य-सृजन में सक्रिय हैं। बाल-साहित्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से रचनाओं के प्रसारण के साथ-साथ हिंदी की लगभग सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। विभिन्न विधाओं में तीन दर्जन पुस्तकें प्रकाशित। संप्रति केंद्र सरकार के एक विभाग में राजपत्रित अधिकारी।
रचना-संसार : पाशमुक्ति, प्रक्षिप्त नीड़ (कहानी-संग्रह); पूर्वजों के गाँव में, माँ का स्वप्न, गुल्लू और एक सतरंगी (सात खंड) (उपन्यास); गूँगा देश, नए महाराज, स्वप्न में परी, यमराज के वरदान (नाटक); प्रश्न एक पुरस्कार का, व्यंग्य तंत्र, नेताजी तुम बंदर, हम बिल्ली, चोर भए कोतवाल (व्यंग्य-संग्रह); अनुभूति (काव्य-संग्रह); आकार लेते विचार, पत्थरों का बाग (निबंध-संग्रह); पहियों पर सवार होकर (यात्रा-संस्मरण) एवं बाल साहित्य की बीस पुस्तकें प्रकाशित।