मेजर जनरल शुभी सूद का जन्म एवं लालन-पालन शिमला में हुआ। वहाँ से स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने ‘नेशनल डिफेंस एकेदमी’ में प्रवेश लिया। उन्हें 8वीं गोरखा की चौथी बटालियन में कमीशन दिया गया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के झंगड़ क्षेत्र में और बाद में मणिपुर व नागालैंड में सैन्य काररवाइयों में भाग लिया।
सन् 1971 के युद्ध के कुछ पहले कैप्टन सूद की पदोन्नति मेजर के पद पर हुई और उन्हें थलसेनाध्यक्ष के उप सेना-सहायक का पदभार सौंपा गया। सितंबर 1972 में शुभी इंग्लैंड के कैंबरली के स्टाफ कॉलेज में अध्ययन के लिए गए। उन्होंने ‘हायर कमांड’ व ‘नेशनल डिफेंस कॉलेज कोर्स’ के महत्त्वपूर्ण पाठ्यक्रमों का अध्ययन किया। सूद वहाँ प्रशिक्षक भी रहे।
जब वे 12 कोर के चीफ ऑफ स्टाफ थे, तब उन्होंने सेना से सेवानिवृत्ति ले ली। जनरल सूद ने भारत में ‘ए.वी.आई.एस.टेंट ए कार’ मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर काम किया। तत्पश्चात् लेखन में व्यस्त रहे। दिसंबर 2004 में उनकी एक अन्य पुस्तक ‘यंग हजबैंड : ट्र्रबल्ड कैं पेन’ प्रकाशित हुई।