श्वेत कुमार सिन्हा—मोक्षधाम एवं बुद्ध की ज्ञानस्थली गया (बिहार) में जनमे एवं पले- बढ़े श्वेत कुमार सिन्हा को लिखने का शौक बचपन से ही रहा। पत्र- पत्रिकाओं में रचनाएँ भी छपती रहीं। हालाँकि सरकारी सेवा में आने के पश्चात् लेखन पर एक विराम सा लगा। पर रचनाकार अपनी मौलिकता से जुदा नहीं रह सकता। व्यस्तताओं के बीच जब भी मौका मिलता, अपने विचारों को कलमबद्ध कर लिया करते।
एक दिन ऐसा आया, जब सारे भावों को समेट किस्से- कहानियों की शक्ल दे बैठे। वर्तमान में केंद्र सरकार में राजपत्रित अधिकारी के पद पर तैनात हैं। सरकारी सेवा से इतर मौका निकालकर कहानियाँ गढ़ना इन्हें पसंद है। 2023 में प्रकाशित उपन्यास 'बदचलन' पाठकों के बीच चर्चा का विषय रहा। लेखक के किस्सागो की पोटली से प्रस्तुत है ड्रैमेटिक हिंदी शैली में रचित उपन्यास ' IAS फेल'।
श्वेत कुमार सिन्हा—मोक्षधाम एवं बुद्ध की ज्ञानस्थली गया (बिहार) में जनमे एवं पले- बढ़े श्वेत कुमार सिन्हा को लिखने का शौक बचपन से ही रहा। पत्र- पत्रिकाओं में रचनाएँ भी छपती रहीं। हालाँकि सरकारी सेवा में आने के पश्चात् लेखन पर एक विराम सा लगा। पर रचनाकार अपनी मौलिकता से जुदा नहीं रह सकता। व्यस्तताओं के बीच जब भी मौका मिलता, अपने विचारों को कलमबद्ध कर लिया करते।
एक दिन ऐसा आया, जब सारे भावों को समेट किस्से- कहानियों की शक्ल दे बैठे। वर्तमान में केंद्र सरकार में राजपत्रित अधिकारी के पद पर तैनात हैं। सरकारी सेवा से इतर मौका निकालकर कहानियाँ गढ़ना इन्हें पसंद है। 2023 में प्रकाशित उपन्यास 'बदचलन' पाठकों के बीच चर्चा का विषय रहा। लेखक के किस्सागो की पोटली से प्रस्तुत है ड्रैमेटिक हिंदी शैली में रचित उपन्यास ' IAS फेल'।