श्रीमती मृदुलता हिंदी साहित्य व हिंदी भाषा जगत् में पर्याप्त दक्षता और निपुणता प्राप्त कर अपना एकाकी स्थान व अलग व्यतिगत पहचान बना रखी है। इतिहास का लेखन उनको विरासत में मिला है। पिताश्री मांगीलाल जी महेचा, एम.ए., एल.एल.बी. ने राजस्थान के अतिरित कमिश्नर के उच्च पद से सेवानिवृत होकर एक कालजयी ऐतिहासिक कृति ‘राजस्थान के राजपूत— उत्थान और पतन’ का सृजन कर समाज व राष्ट्र में एक कीर्तिमान स्थापित किया। मृदुलता ने सारी पुस्तक की भाषा को ओज का लावण्य प्रदान कर अपने ऐतिहासिक क्षेत्र के प्रथम प्रयास को सफलीभूत किया है।