श्रीमती श्रद्धा पांडेय ने तीन दशक पहले मेयो कॉलेज से अपनी अध्यापन यात्रा आरंभ की, तत्पश्चात् इंडियन एंबेसी स्कूल, दम्माम (सउदी अरब), समरविल स्कूल, वसुंधरा एन्क्लेव (दिल्ली), आर्मी स्कूल, कालूचक (जम्मू) में कार्य किया तथा वर्तमान में एह्ल्कॉन पब्लिक स्कूल, मयूर विहार (दिल्ली) में कार्यरत हैं। अध्यापन के साथ-साथ विद्यालय में बच्चों के लिए नाटक, कहानी लिखना तथा विभिन्न पाठ्येतर गतिविधियों के लिए बच्चों को तैयार करना उनकी विशेष रुचि रही है। अध्यापिका के साथ-साथ वे एक सफल लेखिका भी हैं। उनकी कहानियाँ नवगीत, बाल भारती, नंदन, बाल प्रहरी, बालवाणी, मार्डेन एजूकेशन, साहित्य गंधा, गुफ्तगू आदि पत्र-पत्रिकाओं में समय-समय पर छपती रहती हैं। उनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं—‘सतरंगी दुनिया के अठरंगी सपने’, ‘समय की रेत पर’, ‘हाथी मेरे साथी’ व ‘झिलमिल तारे आँखों में सारे’।
अध्यापन काल में समय-समय पर छात्रों को वाद-विवाद तथा भाषणों के लिए प्रेरित व प्रशिक्षित करती रहीं; फलतः छात्रों के लिए उत्तम स्तर के वाद-विवादों तथा भाषणों का उनके द्वारा संकलन एक पुस्तक के रूप में पाठकों के लिए प्रस्तुत है।
सम्मान : गोमती गौरव सम्मान, शब्द शिल्पी सम्मान, वामा सम्मान, अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास सम्मान, पंडित शिव प्रसाद शिक्षक साहित्यकार सम्मान।