डॉ. सुभद्रा राठौर एम.ए., पी-एच.डी. (हिंदी)। पिता श्री एच.एल. राठौर, सेवानिवृत्त उपजिलाधीश एवं पति श्री बी.एस. राठौर, जो इन दिनों एंटी करप्शन ब्यूरो, छत्तीसगढ़ में निरीक्षक के रूप में पदस्थ हैं। लेखन शौक रहा; दैनिक पत्रों के संपादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित सामाजिक सरोकारों से संबंधित समसामयिक लेख खासे लोकप्रिय हुए, जिससे प्रोत्साहन मिला। शालेय शिक्षा से मेधावी छात्रा के रूप में बनी पहचान अब लेखन-क्षेत्र तक पसर चुकी है। विभिन्न राज्य/राष्ट्र स्तरीय प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख, कविता, समीक्षा आदि प्रकाशित। कई सम्मान मिले, विभिन्न संगोष्ठियों में भागीदारी; दूरदर्शन एवं आकाशवाणी से साक्षात्कार एवं वार्त्ताओं का प्रसारण। ‘साकेत का शैलीवैज्ञानिक अध्ययन’ (दिल्ली) एवं ‘समय का सच’ (रायपुर) के पश्चात् कैलास-मानसरोवर पर लेखनी चलाने की अंतःप्रेरणा हठात् ही दैवयोग से हुई। इसकी पूर्णता में आनंद का अद्भुत लोक बसता है; इसमें संस्मरण का प्रवाह है, साहित्यिक स्पर्श है तो तथ्य-संकलन की चेष्टा भी!
संप्रति सहायक प्राध्यापक—हिंदी, शासकीय छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, रायपुर (छत्तीसगढ़)।
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