जन्म : 29 जनवरी, 1954 को हरियाणा के सालवन गाँव में।
शिक्षा : एम.ए. (हिंदी), पी-एच.डी.। शोध का विषय—‘हिंदी कविता की वर्तमान गतिविधि : 1960 से 75 तक’। कुछ वर्षों तक हरियाणा और पंजाब के कॉलेजों में अध्यापन। सर्व शिक्षा से जुड़े कार्यक्रमों और समाज कार्यों में रुचि।
लेखन : डॉ. सुनीता का लेखन समकालीन साहित्य के गंभीर आलोचनात्मक विवेचन से जुड़ा है। छोटे बच्चों और किशोरों के लिए बातचीत की शैली और सहज-सरल अंदाज में कहानियाँ तथा लेख लिखने में उन्हें सुख मिलता है। बचपन में गाँव में गुजारे गए समय पर लिखी गई कहानियाँ ‘नानी के गाँव में’ कई पत्र-पत्रिकाओं में छपने के बाद अब पुस्तक रूप में। इसी तरह खेल-खेल में बच्चों से बातें करते हुए लिखे गए सीधे-सरल एवं भावनात्मक लेख ‘खेल-खेल में बातें’ शीर्षक से पुस्तक रूप में आने की प्रतीक्षा में हैं।
अनेक प्रतिष्ठापित पत्र-पत्रिकाओं में गंभीर आलोचनात्मक लेख और बच्चों के लिए लिखी गई कहानियाँ, लेख आदि प्रकाशित हैं। यूनेस्को के सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत कुछ महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का हिंदी अनुवाद भी किया है।