हिंदी और मराठी भाषा पर समान अधिकार रखने वाले डॉ. सूर्यनारायण रणसुभे की हिंदी समीक्षा की दस पुस्तकें, मराठी से हिंदी में अनूदित नौ कृतियाँ और हिंदी से मराठी में अनूदित तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की जीवनी भी उन्होंने लिखी है।