श्री सुशील कुमार शिंदेजी ने सन् 1971 में बंबई सेवा से इस्तीफा देकर राजनीति में प्रवेश किया। वे सन् 1974 में महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य बने और उसी वर्ष मंत्री बने। वित्त मंत्री के रूप में नौ वर्ष तक लगातार बजट पेश करने का सौभाग्य मिला।
विश्व के तीस से अधिक देशों का भ्रमण। समय-समय पर विभिन्न शिष्टमंडलों का नेतृत्व और प्रतिनिधित्व किया। विदेश यात्राओं सें सबसे उल्लेखनीय यात्रा चीन और संयुक्त राष्ट्र संघ की चालीसवीं वर्षगाँठ में भारत सरकार की ओर से गए प्रतिनिधिमंडल के रूप में रही। दो बार चीन जा रहे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और चीन के समक्ष भारत का पक्ष प्रस्तुत किया।
सन् 1992 में महाराष्ट्र मंत्रिपरिषद् से त्यागपत्र दिया और राज्यसभा के सदस्य बने। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महामंत्री, राज्यसभा सदस्य और लोकसभा सदस्य के रूप में कार्य उल्लेखनीय रहा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। सन् 2004 में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल नियुक्त किए गए। मनमोहन सिंह सरकार में गृह मंत्री व ऊर्जा मंत्री रहे।
मराठी में लिखे ‘विचारवेध’ से और विविध नाटकों में निभाई भूमिकाओं द्वारा शिंदेजी ने साहित्य और रंगकर्म के क्षेत्र में अपनी अभिरुचि का अनेक बार प्रदर्शन किया है।