जन्म : 12 दिसंबर, 1935 को ग्राम बरवाडा, जिला काँगड़ा, हिमाचल प्रदेश में।
यद्यपि कर्नल परमार शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से हुई, परंतु लेखन के लिए उन्होंने हिंदी को ही माध्यम बनाया। उनकी कहानियाँ सन् 1970 से ही सैनिक पत्रिकाओं में छपने लगी थीं। इनके द्वारा लिखित उपन्यास ‘जीवन ध्रुव’ काफी प्रसिद्ध हुआ।
सेना में उच्च पद पर रहते हुए उन्होंने साहित्य-सृजन को अपनाउद्देश्य बनाए रखा और अब भी कई गैर-सरकारी संस्थाओं में समाज-सेवा करते हुए साहित्य-सृजन में रत हैं। उनके उपन्यासों में हिमाचल के प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण जीवन की झाँकियाँ पाठक को सहज ही बाँध लेती हैं।