स्वर्ण अनिलशिक्षा : स्नातक, स्नातकोत्तर, बी. एड., एम.ए.; ‘हिंदी साहित्य के विश्लेषण में कंप्यूटरीकृत अध्ययन की संभावनाएँ और सीमाएँ’ विषय पर शोध प्रबंध।
प्रकाशन : 16 वर्ष की उम्र में ‘कादंबिनी’ मासिक पत्रिका में प्रकाशित कविता ‘साथ चलता जुलूस’ के साथ साहित्यिक जीवन का प्रारंभ।
पत्र-पत्रिकाओं में काव्य एवं गद्य रचनाओं का प्रकाशन; ‘वनांचल की पाती’ मासिक पत्रिका का संपादन। ‘बंद मुट्ठी की रेत’ काव्य संग्रह।
कृतित्व : रेडियो धारावाहिक आसाम, मणिपुर, मिजोरम की लोककथाओं पर आधारित धारावाहिकों, पूर्वोत्तर में रामायण की परंपरा और ‘शाहनामा’ (जम्मू व कश्मीर) की लोककथाओं पर आधारित धारावाहिकों का लेखन व निर्माण।दूरदर्शन धारावाहिक/टेलीफिल्म पर्यावरण संरक्षण, विकलांगता, कश्मीर, नई पीढ़ी की दुविधा जैसे ज्वलंत व संवेदनशील विषयों पर बने धारावाहिक और टेलीफिल्में—वनकन्या, जवाब दो, इनसानी रिश्ते, आशा, खबर, नई दिशा आदि।