मुंबई में रहनेवाली स्वाति लाहोटी शौकिया तौर पर लिखती हैं। इंग्लिश में एम.ए. और मार्केटिंग व एच.आर. में एम.बी.ए. करने के बाद उन्होंने विज्ञापन की दुनिया में कॉपी राइटर के तौर पर और प्लेसमेंट कन्सलटेंट के रूप में काम किया है, लेकिन जो भूमिका उनके दिल के सबसे ज्यादा करीब है, वह है एक माँ की, एक माँ की हैसियत से अपने दोनों बेटों को सफलता के शिखर तक पहुँचाना। यह किताब गाथा है उनके उऋण होने की—एक शागिर्द के तौर पर, एक टीचर के तौर पर, एक माँ के रूप में, लेकिन सब से ज्यादा एक बेटी के रूप में!
‘उसके पंखों की उड़ान’ कहानी है मेरे बड़े बेटे के आई.आई.टी. पहुँचने के सफर की, यह कहानी है एक माँ की, जिसमें उतार भी है और चढ़ाव भी; आँसू भी हैं और मुसकान भी; कभी जीत का जश्न है तो कभी हार का खौफ भी। लेकिन असल में यह कहानी है एकजुट होकर लगातार की गई मेहनत की। मेहनत—जिसकी किस्मत में लिखा है सिर्फ कामयाबी को चूमना, मेहनत—जिसके सिर को जीत का सेहरा ढूँढ़ ही लेता है, मेहनत—जो किसी भी मुश्किल के आगे घुटने नहीं टेकती, मेहनत—जो खुद अपने आप में इनाम से कम नहीं है। यह कहानी है खूबसूरत टीम वर्क, की जिसमें हम चारों ने अपने-अपने रोल को बखूबी निभाया। पीछे मुड़कर देखें तो यह एक सपना लगता है, मगर यकीन मानिए, सफर भी मंजिल से कम खूबसूरत नहीं था। मुझे खुशी होगी, यदि मेरे अनुभव से आप अपने बच्चे को बेहतर सहयोग दे पाएँ! तो पढि़ए...!