कार्बनिक रसासन में एम.एस-सी. की उपाधि और औषधीय रसायन में एलेंबिक लिमिटेड के अनुसंधान सहयोग से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त। व्यापक कार्यकारी प्रबंधन के लिए आई.आई.एम., लखनऊ द्वारा प्रमाणित किया गया है।
गुजरात विश्वविद्यालय से कानून स्नातक की उपाधि के साथ हृ्नरुस््नक्त्र विश्व-विद्यालय द्वारा पेटेंट के विषय में उन्हें विशेष रूप से अभ्यास कर प्रमाणित किया गया है।
15 वर्षों के व्यावसायिक जीवन में उन्होंने ज्यादातर समय में डॉ. रेड्डी लेबोरेटरी एवं केडिला फार्मास्यूटिकल में अपनी सेवा दी। भारत सरकार द्वारा बौद्धिक संपदा संबंधित नीति बनाने के लिए प्रबुद्ध मंडल की रचना की गई, जिसमें मंडल के सदस्य रहे और भारत की बौद्धिक संपदा संबंधित नीति बनाने में उनका सक्रिय सहयोग रहा।
उनके अनुसंधान की फलश्रुति स्वरूप अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय पत्रिका में 14 अनुसंधान एवं समीक्षा लेख उन्होंने लिखे हैं, जिसमें 8 पेटेंट के आवेदन भी शामिल हैं : ‘बौद्धिक संपदा संबंधित सामरिक प्रबंधन’, ‘नवोन्मेष एवं ज्ञान संबंधित प्रबंधन’, ‘प्रौद्योगिकी लाइसेंस एवं बौद्धिक संपदा संबंधित नीतिगत संचालन’, ‘कॉरपोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी की पहल संबंधित व्यापार प्रबंधन’ में उनकी विशेष योग्यता व रुचि रही है।