जनरल वी.पी. मलिक 1 अक्तूबर, 1997 से 30 सितंबर, 2000 तक भारतीय थल सेनाध्यक्ष रहे। साथ ही दो वर्ष तक चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष भी रहे।
उपमहानिदेशक, सैन्य-संचालन के रूप में उन्होंने चीन के साथ भारतीय सीमा के प्रबंधन, श्रीलंका में ऑपरेशन पवन और मालदीव में ऑपरेशन कैक्टस का सफल संचालन किया। बाद में, सघन विद्रोह-रोधी काररवाइयों में उन्होंने पूर्वोत्तर भारत और जम्मू व कश्मीर में एक डिवीजन और पंजाब में एक कोर की कमान सँभाली। सन् 1999 में कारगिल में पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ रोकने के लिए थलसेनाध्यक्ष एवं चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के रूप में ‘ऑपरेशन विजय’ के कार्यान्वयन की योजना बनाई तथा समन्वयन और निरीक्षण कार्य किया।
जनरल मलिक सेवानिवृत्ति के बाद दो बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य रहे। इसके अलावा सैन्य कूटनीतिक अभियानों पर तथा सिविल व सैन्य कूटनीतिक (राजनीतिक) मिशन पर उन्होंने कई यात्राएँ की हैं।