व्यावसायिक जीवन एक शिक्षाविद् के रूप में शुरू किया। वह लगभग दो दशक आई.आई.एम.,अहमदाबाद में फाइनेंस के प्रोफेसर तथा चार वर्षों तक आई.एन.जी. वैश्य बैंक के अध्यक्ष रहे और फिर जी.एम.आर. ग्रुप में चले गए, जो निर्माण-कार्य करनेवाली एक बड़ी कंपनी है। संप्रति वह जी.एम.आर. वरलक्ष्मी फाउंडेशन के अध्यक्ष हैं। सन् 1990 से वह यूनिवर्सिटी ऑफ बॉकोनी, मिलान में एक सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्य करते आ रहे हैं।
अब तक उनके 450 शोधपत्र, लेख तथा 9 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। उनकी 2 पुस्तकें ‘गेम्स इंडियंस प्ले – व्हाय वी आर द वे वी.आर.’ और ‘स्टॉक एक्सचेंजेज – इन्वेस्टमेंट एंड डिराइवेटिव्स’ बहुत लोकप्रिय हुई हैं। ‘दि इकोनॉमिक टाइम्स’ के गेस्ट कॉलम में नियमित लेख तथा पत्रिकाओं में भी लेख प्रकाशित होते हैं। राष्ट्रीय दैनिक में व्यंग्य-चित्र (कार्टून) भी प्रकाशित। उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर शतरंज प्रतियोगिता में भाग लिया है।
उनकी वेबसाइट है—www.vraghunathan.com