जन्म 5 सितंबर,1940 को मध्य बिहार के गया शहर में। किशोर वय से आज तक झारखंड प्रदेश में क्रियाशील।
शिक्षा-दीक्षा पी-एच.डी. तक। अध्यापकी, किरानीगिरी, व्यवसाय, खेती-बारी, पत्रकारिता, समाज, साहित्य और संस्कृति-क्षेत्र में कई दिशाखोजी पड़ावों के बाद अब सृजन और विचार की शब्द-यात्रा।
क्रमश: ‘अभिज्ञान’, ‘प्रसंग’ (अनियतकालीन पत्रिकाएँ), ‘देशप्राण’, ‘झारखंड जागरण’ (दैनिक) के संपादकीय विभाग से थोड़े-थोड़े समय के लिए संयुक्त।
‘अतिपूर्वा’, ‘सीढि़यों पर धूप’, ‘मन एक जंगल है’, ‘ईंधन चुनते हुए’, ‘आग के आस-पास’, ‘ईंधन और आग के बीच’ (कविता संग्रह); ‘कोरस’, ‘कोरसवाली गली’, ‘नायाब नर्सरी’ (कहानी संग्रह); ‘वनस्थली के कथापुरुष’ (आलोचना), ‘झारखंड : समाज, संस्कृति और विकास’ (समाज-दर्शन), ‘कविताएँ सातवें दशक की’, ‘प्रपंच’ (संपादित) आदि कुल बारह पुस्तकें प्रकाशित।
लगभग दर्जन भर पुस्तकों का अनाम संपादन। पत्र-पत्रिकाओं में विविध विषयों और विधाओं में लेखन।