कमोडोर विजय शंकर बबेले ने भौतिक शास्त्र में एम.एस-सी. की डिग्री प्राप्त की तथा जनवरी 1980 में भारतीय नौसेना में कमीशन प्राप्त किया। नौसेना की विभिन्न स्थापनाओं, कैडेट प्रशिक्षण पोतों तथा विमानवाहक पोतों ‘विक्रांत’ व ‘विराट’ पर कार्यरत रहे। एन.डी.ए. पुणे में अनुदेशक, सैनिक स्कूल में प्रिंसीपल, नौसेना शिक्षा निदेशक, रक्षा मंत्रालय में सैनिक स्कूलों के निरीक्षण अधिकारी तथा पश्चिम नौसेना कमान मुंबई में कमान शिक्षा अधिकारी के महत्त्वपूर्ण पद सँभाले। वर्तमान में रक्षा मंत्रालय—एकीकृत मुख्यालय (नौसेना) में प्रधान निदेशक (मौसम एवं समुद्र विज्ञान) के पद पर कार्यरत।
कमोडोर बबेले ने नौसेना के अनेक महत्त्वपूर्ण कोर्स किए। वे नौसेनाध्यक्ष तथा फ्लैग अफसर कमान-इन-चीफ, पश्चिम नौसेना कमान द्वारा प्रशंसा-पत्र प्राप्त हैं। सैनिक स्कूलों के प्रति उनके विशिष्ट योगदान हेतु पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रशंसा-पत्र प्राप्त तथा असैनिक संस्थाओं द्वारा ‘बाल सहयोग पुरस्कार’, ‘शिक्षा-रत्न सम्मान’, ‘डॉ. एस. राधाकृष्णन पुरस्कार’, ‘इंडिया इंटरनेशनल फ्रेंडशिप अवार्ड’ तथा ‘मदर टेरेसा एक्सीलेंस अवार्ड’ से सम्मानित।
लेखक को योग, तैराकी, दौड़, सेलिंग, पेंटिंग, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कुशलता एवं उपलब्धियाँ प्राप्त हैं। लेखन में विशेष रुचि। कई रचनाएँ विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। ‘विराट के डेक से’ के बाद यह दूसरी कृति।