मेजर जनरल विनोद सहगल सन् 1995 में भारतीय सेना से सैन्य प्रशिक्षण महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए। इससे पहले उन्होंने कई सक्रिय कमांड दायित्वों को निभाया था। अश्वारोही सेना के एक अधिकारी के रूप में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के साथ कार्य करने के साथ-साथ मध्य-पूर्व में भी काम किया है। उन्होंने फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड, लक्जमबर्ग तथा बेनेलक्स में भारत के मिलिटरी अटैची के रूप में भी अपनी सेवाएँ दी हैं। उनकी रुचियाँ विविध हैं और वे अंग्रेजी, फ्रेंच तथा पर्शियन समेत कई भाषाएँ जानते हैं।
सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने मूवमेंट फॉर रेस्टोरेशन ऑफ गुड गवर्नमेंट (एम.आर. जी.जी.) की स्थापना की। उन्होंने प्रमुख राष्ट्रीय दैनिक पत्रों तथा पत्रिकाओं में विभिन्न विषयों पर लेख लिखे हैं, साथ ही बहुत से ज्वलंत मुद्दों पर भारत तथा विदेशों में भाषण दिए हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय ख्याति-प्राप्त पुस्तकें ‘थर्ड मिलेनियम इक्विपॉयज’, ‘रिस्ट्रक्चरिंग साउथ एशियन सिक्योरिटी’ तथा ‘रिस्ट्रक्चरिंग पाकिस्तान’ लिखी हैं।
संप्रति वह जनसंख्या विज्ञान तथा पारिस्थितिकी विज्ञान से संबंधित एक गैर-सरकारी संगठन ‘इको मॉनीटर्स’ (ई.एम.एस.) के कार्यकारी निदेशक हैं।