डॉ. विनोदानंद झा शिक्षा-जगत् की एक बड़ी शख्सियत हैं। बिहार में शिक्षा के आधिकारिक जानकार, अध्येता एवं अनेक पुस्तकों के रचयिता हैं। इनके शिक्षा विषयक कई निबंध महत्त्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। इनके द्वारा बच्चों एवं शिक्षकों में वैज्ञानिक चिंतन के विकास के लिए लिखे गए आलेखों, संपादित पत्रिकाओं एवं विज्ञान शिक्षण पर किए गए कार्यक्रमों की काफी सराहना हुई है।
यूनिसेफ संपोषित परियोजना-‘स्पीड’ में डॉ. झा ने योजना निर्माण और प्रशिक्षण के स्तर पर नवाचार एवं प्रयोगधर्मिता को प्रोत्साहित कर राज्य में प्रारंभिक शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव के रूप में मूल्यांकन प्रणाली में संस्थागत परिवर्तन कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का मार्ग प्रशस्त किया।
‘पढ़ो पूर्वी चंपारण’ नामक नवाचारी प्रयोग पर राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (हृश्वक्क्न), भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2015 में इन्हें ‘राष्ट्रीय नवाचार पुरस्कार’ से पुरस्कृत किया गया।
संप्रति निदेशक, जन शिक्षा (बिहार सरकार) के पद पर साक्षरता कार्यक्रमों, दलित तथा अल्पसंख्यक बच्चों की शिक्षा को नई दिशा दे रहे हैं।