महंत योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
महंत योगी आदित्यनाथ महायोगी गुरु श्री गोरक्षनाथ द्वारा प्रवर्तित नाथपंथ की सर्वोच्च सिद्धपीठ एवं श्री गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर के पीठाधीश्वर महंत हैं। श्री गोरक्षपीठ द्वारा संचालित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् के अंतर्गत लगभग साढ़े चार दर्जन शिक्षण, प्रशिक्षण, चिकित्सा एवं सेवा संस्थानों के प्रबंधक/अध्यक्ष एवं मार्गदर्शक हैं। शिक्षा-चिकित्सा संस्थानों में अनेक मौलिक प्रयोग कर विविध नवाचारों के प्रतिष्ठापक हैं। श्री गोरखनाथ मंदिर द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका ‘योगवाणी’ के प्रधान संपादक हैं। नाथपंथ एवं नाथयोग दर्शन के प्रकांड विद्वान् हैं। नेपाल की सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक परिस्थितियों के अध्येता एवं समालोचक हैं। मौलिक चिंतक, शोध-अध्येता, दार्शनिक एवं व्यावहारिक योग के आचार्य के रूप में आपकी ख्याति है। भारतीय संस्कृति एवं साधना के योग्य साधक, ‘हिंदुत्व ही राष्ट्रीयता है’ के उद्घोषक, धर्माधारित राजनीति के प्रतिमान, राजनीति में एक नई कार्य-संस्कृति के प्रतीक, लोक-कल्याण पथ के पथिक, सामाजिक समरसता के वाहक, कठोर परिश्रमी, स्वानुशासित योगमय जीवन के धनी, श्रम को भी साधना माननेवाले राजयोगी महंत आदित्यनाथजी की ‘हठयोग : स्वरूप एवं साधना’, ‘हिंदू राष्ट्र नेपाल : अतीत, वर्तमान एवं भविष्य’, ‘राजयोग : स्वरूप एवं साधना’ जैसी पुस्तकें अत्यंत लोकप्रिय हैं। नाथपंथ एवं योगदर्शन के साथ-साथ सामाजिक-सांस्कृतिक-राष्ट्रीय विषयों पर पत्र-पत्रिकाओं में आपके प्रकाशित आलेख में निरंतर आपकी अभिरुचि एवं चिंतन की प्रतिध्वनि सुनी जाती है।