Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Yugeshwar

Yugeshwar

हिंदी विभाग, काशी विद्यापीठ, वाराणसी के पूर्व आचार्य, लब्धप्रतिष्‍ठ विचारक, भाषाशास्त्री, आलोचक एवं उपन्यासकार प्रो. युगेश्‍वर का जन्म 10 जनवरी, 1934 को बिहार के एक गाँव में हुआ था । साहित्यालंकार तक की शिक्षा बिहार में प्राप्‍त कर आपने हाई स्कूल से पी-एच.डी. तक की शिक्षा वाराणसी में पूर्ण की । पिछले पचास वर्षो से लेखन, अध्यापन तथा सार्वजनिक कार्यों में सक्रिय हैं । समाजवादी राजनीति, साहित्य एवं अध्यात्म के विभिन्न क्षेत्रों में शोधपूर्ण तथा विचारोत्तेजक लेखन के कारण आपकी विशिष्‍ट पहचान है । हिंदी की अनेक प्रतिष्‍ठ‌ित पत्र-पत्रिकाओं में आपके निबंध प्रकाशित होते रहते हैं । आपकी शोधवृत्ति और ज्ञान के सम्मानार्थ उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ ने आपको ' मधु लिमये फेलोशिप ' प्रदान की है ।
आपने दो दर्जन से अधिक पुस्तकों की रचना की है; जिनमें से प्रमुख हैं- भाषा शास्त्र : ' मगही भाषा ', ' हिंदी कोश-विज्ञान का उद‍्भव और विकास '; आलोचना : ' तुलसीदास : आज के संदर्भ में ', ' तुलसी का प्रतिपक्ष ', ' भक्‍त‌ि : आज के संदर्भ में ', ' सबके प्रेमचंद ', ' प्रसाद काव्य का नया मूल्यांकन ', ' कबीर समग्र ' (दो खंडों में); विचार प्रधान : ' आपातकाल का धूमकेतु राजनारायण ', ' समाजवाद : आचार्य नरेंद्रदेव, डॉ. लोहिया और जयप्रकाशजी की दृष्‍ट‌ि में ', ' मानस निबंध '; उपन्यास : ' सीता : एक जीवन ', ' राम : एक जीवन ', ' रावण : एक जीवन ', ' हनुमान : एक जीवन ', ' भरत : एक जीवन ', ' संत साहेब ' (संत कबीर के जीवन पर आधारित), ' पर्वत पुत्री ', ' पंचानन ', ' दूसरा इंद्र ', ' देवव्रत ', ' पार्थ ' एवं ' कृष्णा ' ।

Books by Yugeshwar