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प्रातिभ साहित्य और वाचिक साहित्य दोनों में कथा अभिप्राय अपनी गूढ़ व्यंजना के कारण विशेष महत्त्व रखते हैं। लोककथाओं की वाचिक परंपरा में व्यक्त इन अभिप्रायों का अध्ययन करके लोक साहित्य का मूलभाव लोकमंगल की अवधारणा को समझा जा सकता है। इसलिए लोककथाओं, लोक सुभाषितों में व्यक्त अभिप्रायों को उनके संदर्भों से जोड़कर लोक में प्रस्तुत करने से कथा का उद्देश्य स्पष्ट होता है।
इस पुस्तक में अभिप्राय चिंतन की पृष्ठभूमि कुछ उदाहरणों के माध्यम से प्रस्तुत की गई है। अभिप्रायों के अध्ययन, उनकी उपयोगिता, उनकी व्यंजना तथा उनके प्रभाव रेखांकित करने का प्रयास किया गया है। अलग-अलग निबंधों के माध्यम से लोक-संस्कृति, लोककथाओं और उनमें व्यक्त कथानक रूढि़यों, अभिप्रायों को व्यक्त किया गया है। विविध व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ तथा अन्य प्रचलित कथाएँ दी गई हैं, जिन्हें पढ़कर उनमें व्यक्त अभिप्राय पहचानने की दृष्टि स्वयं मिल सकती है। इन अभिप्रायों में प्रकृति के प्रति गहरी संवेदना, कृतज्ञता और परस्पर अन्योन्याश्रितता के भाव पाठक स्वयं अनुभव कर सकते हैं। आधुनिक समाज की संवेदन शून्यता, जो प्रकृति और मानव जीवन को असह्य और असहज बनाती जा रही है, उसे लोककथाओं की गहरी संवेदना का स्पर्श मिलेगा तो सकारात्मक सोच के प्रति हम आश्वस्त हो सकेंगे।
—इसी पुस्तक से
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अनुक्रमणिका | |
लोकवार्त्ता की चिंता का प्रश्न — Pgs. 7 | 13. रविदास जयंती — Pgs. 324 |
लोककथा-अभिप्रायों की प्रासंगिकता — Pgs. 15 | फागुन मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 325-330 |
अवधी लोककथाओं की परंपरा और समसामयिकता का अध्ययन — Pgs. 27 | 1. गणेश चतुर्थी — Pgs. 325 |
बदलते परिवेश में लोककथाओं की प्रासंगिकता एवं प्रतिबद्धता — Pgs. 36 | 2. जानकी अष्टमी — Pgs. 325 |
भारतीय लोकवार्त्ता में अभिप्राय (मोटिफ) मिथक बिंब और प्रतीक — Pgs. 40 | 3. जानकी नवमी — Pgs. 326 |
भारतीय लोक-साहित्य में रामकथा के अभिप्राय एवं नए संदर्भ — Pgs. 70 | 4. विजया एकादशी — Pgs. 326 |
लोक और शास्त्र : भारतीय लोक कला अभिप्राय चिंतन — Pgs. 98 | 5. महा शिवरात्रि — Pgs. 327 |
अवध की ललित कलाओं के अभिप्राय — Pgs. 119 | 6. फुलेरा दूज — Pgs. 327 |
समकालीन साहित्य और अवधी वाचिक साहित्य — Pgs. 126 | 7. कामदा सप्तमी — Pgs. 328 |
राष्ट्रीय एकता और भारतीय लोक-नृत्य-नाट्य परंपरा — Pgs. 133 | 8. आनंदा नवमी — Pgs. 328 |
अवधी-भोजपुरी साहित्य और समाज — Pgs. 141 | 9. आमलकी एकादशी/ रंगभरनी एकादशी — Pgs. 328 |
जनजातीय संस्कृति और साहित्य — Pgs. 151 | 10. अशोक पूर्णिमा — Pgs. 329 |
मानवीय संवेदना और मानवाधिकार एक सिंहावलोकन — Pgs. 158 | 11. महाप्रभु चैतन्य जयंती — Pgs. 329 |
मानवीय परिवेश के प्रति लोक-साहित्य की चिंता के अभिप्राय — Pgs. 166 | 12. होलिका दहन — Pgs. 330 |
लोक मंगल : प्रासंगिकता, प्रतिबद्धता — Pgs. 173 | कुछ अन्य व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 331-363 |
लोक-साहित्य में जन आकांक्षाओं की सहज अभिव्यंजना — Pgs. 182 | 1. संपदा देवी की कथा — Pgs. 331 |
लोक और संस्कृति — Pgs. 196 | 2. औषान माई का पूजन (दुरदुरिया) — Pgs. 333 |
अवध की लोककथाएँ — Pgs. 205 | 3. संकठा माई का पूजन — Pgs. 334 |
क. बारहों महीनों के व्रत-पर्व, त्योहारों से संबंधित कथाएँ — Pgs. 207-229 | 4. वैभव लक्ष्मी व्रत-पूजन कथा — Pgs. 336 |
चैत्र मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ 207 | 5. संतोषी माता का व्रत — Pgs. 337 |
1. होली पर्व — Pgs. 207 | 6. चातुर्मास व्रत — Pgs. 341 |
2. बुढ़वा मंगल — Pgs. 208 | 7. दशाफल व्रत — Pgs. 341 |
3. भइया दूज — Pgs. 209 | 8. पुरुषोत्तम मास/मलमास/अधिक मास — Pgs. 342 |
4. झूले लाल-चैती चाँद — Pgs. 210 | 9. प्रदोष व्रत — Pgs. 342 |
5. गणेश चौथ — Pgs. 211 | 10. श्री सत्यनारायण व्रत कथा — Pgs. 343 |
6. शीतला सप्तमी — Pgs. 213 | 11. सातों वारों की व्रत कथाएँ (रविवार से शनिवार तक) — Pgs. 345 |
7. शीतला अष्टमी/बसौरे की अष्टमी — Pgs. 215 | 12. सूर्य ग्रहण/चंद्र ग्रहण/स्नान दान — Pgs. 354 |
8. पापमोचनी एकादशी — Pgs. 216 | 13. सोमवती अमावस्या — Pgs. 354 |
9. अरुंधती व्रत — Pgs. 217 | 14. सोलह सोमवार व्रत की कथाएँ — Pgs. 355 |
10. वासंती नवरात्र — Pgs. 218 | 15. कुंभ/अर्द्ध कुंभ/महाकुंभ — Pgs. 357 |
11. गणगौर — Pgs. 219 | 16. सूरज-चंद्रमा — Pgs. 357 |
12. जमुना छठ — Pgs. 220 | 17. पुण्य की जड़ पाताल में हरी होती है — Pgs. 358 |
13. कामदा एकादशी — Pgs. 221 | 18. महालक्ष्मी का डोरा — Pgs. 359 |
14. कौमुदी महोत्सव/काम महोत्सव — Pgs. 221 | 19. बुद्धो रानी का ब्याह (तुलसी पूजा का माहात्म्य) — Pgs. 360 |
15. हनुमान जयंती — Pgs. 222 | ख. अन्य अवधी लोककथाएँ — Pgs. 365-478 |
16. जगन्नाथजी का सोमवार — Pgs. 223 | 1. इंद्रासन पर आदमी — Pgs. 367 |
17. सत्तू संक्रांति/मेष संक्रांति/कपिला षष्ठी — Pgs. 229 | 2. जादुई चक्की — Pgs. 367 |
बैशाख मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 230-244 | 3. शेरनी का दूध — Pgs. 368 |
1. पार्वती के बेटवा गणेश की कथा — Pgs. 230 | 4. लड्डू का सपना — Pgs. 369 |
2. श्री कच्छपावतार — Pgs. 233 | 5. छड़ी की करामात — Pgs. 369 |
3. आस माई की दूज — Pgs. 233 | 6. सूत शंख राजकुमार और राक्षसी — Pgs. 370 |
4. अक्षय तृतीया — Pgs. 238 | 7. राजकुमार और परी — Pgs. 371 |
5. बरूथनी एकादशी व्रत — Pgs. 241 | 8. चटोरी सेठानी और कंजूस सेठ — Pgs. 372 |
6. गंगा सप्तमी — Pgs. 241 | 9. जादुई चुटकी — Pgs. 372 |
7. मोहिनी एकादशी — Pgs. 242 | 10. गरीब किसान और लालची बनिया — Pgs. 373 |
8. नृसिंह चतुर्दशी — Pgs. 242 | 11. निपूते राजा की बेटी — Pgs. 374 |
9. सत्य विनायक — Pgs. 242 | 12. रानी कौवा हँकनी — Pgs. 375 |
ज्येष्ठ मास के व्रत-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 245-247 | 13. सपूत — Pgs. 378 |
1. वट-सावित्री व्रत (बरगदाही, बरमावस) — Pgs. 245 | 14. लुढ़कता घड़ा — Pgs. 380 |
2. गंगा दशहरा — Pgs. 246 | 15. राजा की पोल — Pgs. 381 |
3. भीमसेनी निर्जला एकादशी — Pgs. 247 | 16. टका पसीना — Pgs. 383 |
आषाढ़ मास के व्रत-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 248-255 | 17. शीत-बसंत — Pgs. 385 |
1. योगिनी एकादशी — Pgs. 248 | 18. जुए की शर्त — Pgs. 390 |
2. रथ यात्रा (आषाढ़ शुक्ल द्वितीया) — Pgs. 248 | 19. बुद्धि का कमाल — Pgs. 392 |
3. देवशयनी एकादशी — Pgs. 254 | 20. सात बिटिया क बाप — Pgs. 396 |
4. पद्मनाभा/आषाढ़ी महाएकादशी — Pgs. 254 | 21. पंडितजी का नेवता कल — Pgs. 397 |
5. गुरु पूर्णिमा/आषाढ़ी पूर्णिमा/व्यास पूर्णिमा — Pgs. 255 | 22. जंगल में राजकुमारी — Pgs. 398 |
श्रावण मास के व्रत-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 256-263 | 23. नीलकंठ — Pgs. 401 |
1. गणेश चतुर्थी — Pgs. 256 | 24. न अब न तब — Pgs. 402 |
2. कामदा एकादशी — Pgs. 256 | 25. सच्चा सपना — Pgs. 404 |
3. नागपंचमी — Pgs. 256 | 26. जुलाहे की राम! राम! — Pgs. 407 |
4. नेवला नवमी/जवारा नवमी/कजरी नवमी — Pgs. 262 | 27. पीर परायी — Pgs. 408 |
5. पुत्रदा एकादशी/पवित्रा एकादशी — Pgs. 262 | 28. बना रहै बाबा क खेतवा — Pgs. 410 |
6. रक्षा बंधन पर्व/टूटे बीर की कथा — Pgs. 263 | 29. पहाड़ को दिया चूहे का वचन — Pgs. 413 |
भादों मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 264-281 | 30. अनपढ़ दामाद — Pgs. 415 |
1. बहुरा चौथ — Pgs. 264 | 31. चरवाहे की मस्ती — Pgs. 416 |
2. गूँगा पंचमी — Pgs. 265 | 32. मुर्दाखानी — Pgs. 417 |
3. बलराम जयंती(हल षष्ठी)/ललही छठ — Pgs. 266 | 33. टूटी चोंच — Pgs. 420 |
4. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी — Pgs. 267 | 34. ऊँट और सियार — Pgs. 421 |
5. हरतालिका तीज व्रत — Pgs. 268 | 35. सोंठ-गाँठ — Pgs. 422 |
6. सिद्घि विनायक/गणेश पूजा/कलंकी चौथ/गणेशोत्सव — Pgs. 268 | 36. रक्त से रँगी चुनरी — Pgs. 425 |
7. भादों का बड़ा इतवार (रविवार) — Pgs. 269 | 37. बड्ढे-बड्ढे खूँटा चीर — Pgs. 429 |
8. ओक दुवास (गोवत्स द्वादशी) — Pgs. 270 | 38. मृत्यु लोक का प्राणी — Pgs. 433 |
9. गाजवीज पर्व — Pgs. 270 | 39. राजा उदित — Pgs. 434 |
10. कपर्दि विनायक — Pgs. 272 | 40. नाग भाई — Pgs. 437 |
11. ऋषि पंचमी व्रत — Pgs. 273 | 41. प्रतिज्ञा — Pgs. 438 |
12. दुबड़ी सातें/संतान सप्तमी — Pgs. 274 | 42. कौवा-गौरैया — Pgs. 441 |
13. दूर्वा अष्टमी — Pgs. 276 | 43. रानी चंपाकली — Pgs. 444 |
14. राधा अष्टमी — Pgs. 277 | 44. छल की सजा — Pgs. 446 |
15. परिवर्तनी एकादशी/वामन एकादशी/वामन द्वादशी — Pgs. 278 | 45. बुद्धू राम — Pgs. 449 |
16. अनंत चतुर्दशी — Pgs. 278 | 46. नेउरा (नेवला) भाई — Pgs. 450 |
17. रंभा चतुर्दशी/कदली व्रत — Pgs. 280 | 47. कंजूस का निमंत्रण — Pgs. 454 |
18. उमा महेश्वर व्रत — Pgs. 280 | 48. चल ढोलकिया ठामक ठुम — Pgs. 455 |
19. कुक्कुटी, मर्कटी व्रत — Pgs. 280 | 49. चाम की चमोटी — Pgs. 456 |
20. महालक्ष्मी व्रत — Pgs. 281 | 50. गृहस्थी का तप — Pgs. 461 |
आश्विन मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 282-285 | 51. गंगा देहु भगीरथ पूत — Pgs. 463 |
1. पितृ-पक्ष — Pgs. 282 | 52. भर पाया — Pgs. 466 |
2. जिउतिया/जीवित पुत्रिका व्रत — Pgs. 282 | 53. पड़ोसी का पतीला — Pgs. 467 |
3. इंदिरा एकादशी — Pgs. 283 | 54. राजा के दुइ सींग — Pgs. 468 |
4. शरद पूर्णिमा/कोजागर — Pgs. 284 | 55. गीदड़ और फुरगुद्दी — Pgs. 469 |
कार्तिक मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 286-309 | 56. सिंदूर की डिबिया — Pgs. 470 |
1. कार्तिक नहान — Pgs. 286 | 57. धर्मात्मा चोर — Pgs. 472 |
2. करवा चौथ — Pgs. 289 | 58. ग्यारह हंसों की बहन — Pgs. 473 |
3. अहोई अष्टमी/अशोक अष्टमी — Pgs. 291 | 59. आँझुलि रोवैं बीच बना — Pgs. 474 |
4. कामधेनु व्रत — Pgs. 292 | 60. नागराज की अशर्फी — Pgs. 476 |
5. धनतेरस की कथा — Pgs. 293 | 61. बालालखंदर — Pgs. 477 |
6. नरक चतुर्दशी/रूप चौदस/हनुमान जयंती — Pgs. 295 | ग. अवधी हास्य कथाएँ — Pgs. 479-506 |
7. केदार गौरी व्रत — Pgs. 296 | 1. आँख ललाई-मूँछ मलाई — Pgs. 481 |
8. दीपावली — Pgs. 297 | 2. चतुर बुद्धू — Pgs. 482 |
9. अन्नकूट /गोवर्धन पूजा/चित्रगुप्त पूजा — Pgs. 298 | 3. सटनुआ सट जा — Pgs. 484 |
10. चिरैया गौर — Pgs. 302 | 4. हेई-हेई (शिव-पार्वती की कथा) — Pgs. 486 |
11. सूर्य षष्ठी/डाला छठ — Pgs. 302 | 5. बैगन बेटा — Pgs. 487 |
12. संतान सप्तमी — Pgs. 303 | 6. नेकी का बदला बदी — Pgs. 490 |
13. गोपाष्टमी — Pgs. 304 | 7. लालच की सजा — Pgs. 491 |
14. अक्षय नवमी/आँवला नवमी — Pgs. 304 | 8. मुच्छी जैसी नाक — Pgs. 493 |
15. देवोत्थान एकादशी — Pgs. 305 | 9. चिड़िया और किसान — Pgs. 494 |
16. बैकुंठ चतुर्दशी — Pgs. 307 | 10. बंदर और पंडित — Pgs. 494 |
17. तुलसी पूजन — Pgs. 307 | 11. चिड़िया दाना लेकर फुर्र — Pgs. 496 |
18. कार्तिक पूर्णिमा/तुलसी विवाह — Pgs. 308 | 12. एक कौआ उड़ा फुर्र — Pgs. 497 |
19. भीष्म-पंचक — Pgs. 309 | 13. अँजोरिया क बच्चा — Pgs. 498 |
अगहन मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 310-313 | 14. किस्सा वाले बाबा — Pgs. 498 |
1. गणेश चतुर्थी — Pgs. 310 | 15. परछाईं — Pgs. 499 |
2. नवान्न — Pgs. 310 | 16. घर सास न नंदा — Pgs. 500 |
3. वैतरणी व्रत — Pgs. 311 | 17. कोठिला क धान भूसी होय जाए — Pgs. 501 |
4. सीताराम विवाह पंचमी — Pgs. 311 | 18. एक खाँव कि दुइ खाँव — Pgs. 502 |
5. अगहन पूर्णिमा/दत्तात्रेय जयंती — Pgs. 312 | 19. दुइ गप्प, दुइ सच्च — Pgs. 503 |
6. नरक पूर्णिमा — Pgs. 313 | 20. मसखरी — Pgs. 505 |
पौष मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 314-315 | घ. प्रेरक संत एवं देव कथाएँ — Pgs. 507-515 |
1. पुत्रदा एकादशी — Pgs. 314 | 1. संत तुकाराम की क्षमाशीलता — Pgs. 509 |
2. सुरूपा द्वादशी — Pgs. 314 | 2. संत तुकाराम की सहनशीलता — Pgs. 509 |
3. पौष पूर्णिमा स्नान पर्व — Pgs. 315 | 3. देवराज इंद्र और किसान — Pgs. 510 |
4. पौष व माघ मास के सभी रविवार — Pgs. 315 | 4. स्वार्थी रिश्ते — Pgs. 510 |
माघ मास के व्रत-पर्व-त्योहारों की कथाएँ — Pgs. 316-324 | 5. संत त्यागराज — Pgs. 511 |
1. गणेश चतुर्थी या संकट चौथ — Pgs. 316 | 6. श्रीकृष्ण और अर्जुन — Pgs. 512 |
2. षटतिला एकादशी — Pgs. 318 | 7. संत एकनाथ की एकाग्रता — Pgs. 512 |
3. मौनी अमावस्या — Pgs. 319 | 8. संत एकनाथ की क्षमा और शांति — Pgs. 513 |
4. मकर संक्रांति — Pgs. 319 | 9. शिवाजी और उनके गुरु समर्थदास — Pgs. 513 |
5. गौरी चतुर्थी — Pgs. 320 | 10. आम और बाँस — Pgs. 514 |
6. वसंत पंचमी — Pgs. 320 | 11. प्रभु की प्राप्ति के लिए विकलता — Pgs. 514 |
7. शीतला छठ — Pgs. 321 | 12. संत त्यागराज ने पत्नी को गुरु माना — Pgs. 515 |
8. अचला सप्तमी — Pgs. 322 | अवधी के लोक सुभाषित शब्द सामर्थ्य रूप — Pgs. 516-570 |
9. भीष्म अष्टमी — Pgs. 322 | क. मुहावरे, लोकोक्तियाँ, कहावतें — Pgs. 516 |
10. जया एकादशी — Pgs. 323 | ख. बुझनी/बुझौव्वल (पहेली) — Pgs. 552 |
11. वाराह द्वादशी/भीष्म द्वादशी — Pgs. 323 | ग. लोक-साहित्य में प्रयुक्त अवधी की कुछ पारंपरिक विशिष्ट शब्दावली — Pgs. 555 |
12. माघी पूर्णिमा — Pgs. 323 | उत्तर प्रदेश की लुप्तप्राय : लोक संपदा — Pgs. 571 |
कृतित्व : 105 प्रकाशित एवं 18 प्रकाशनार्थ। 9 उपन्यास, 10 कहानी-संग्रह, 10 कविता-संग्रह, 25 लोक साहित्य, 6 नाटक, 8 निबंध-संग्रह, 20 नवसाक्षर एवं बाल साहित्य, 17 संपादित। अन्य अनेक पुस्तकों और पत्रिकाओं का संपादन। आकाशवाणी व दूरदर्शन के विभिन्न केंद्रों से निरंतर प्रसारण। देश-विदेश की संस्थाओं, विश्वविद्यालयों से संबद्ध। अनेक विश्वविद्यालयों से इनके कृतित्व पर शोध कार्य। इनकी अनेक रचनाओं का भारतीय व विदेशी भाषाओं में अनुवाद।
साहित्यिक आयोजनों में देश-विदेश में सक्रिय भागीदारी।
सम्मान : देश-विदेश की 90 संस्थाओं द्वारा सम्मान एवं पुरस्कार।
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ में संयुक्त निदेशक पद से सेवानिवृत्त।
संपर्क : ‘श्रीवत्स’, 45 गोखले विहार मार्ग, लखनऊ।
दूरभाष : 0522-2206454, 9335904929, 9451329402
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