₹350
राम के चरित्र में भगवान् राम का व्यक्ति के रूप में और उनके व्यक्तित्व के संदर्भ में केवल दो नहीं, व्यासकमर्ी लेखक ने कई आँखों से निरीक्षण-दर्शन किया है। राम के बारे में वसिष्ठ की दृष्ट, विश्वामत्र का नजरिया, जनक-सुनयना-जानकी, पुरवासी, महाराज दशरथ, कौशल्यादि माताएँ, भरतादि भाई, निष्द समुदाय, गिद्धराज जटायु, असुर, सुग्रीवादि वानर समुदाय, शूर्पणखा, शबरी, मंदोदरी, स्वयं रावण—सूची बहुत लंबी हो सकती है; पर इन सबने राम को भिन्न-भिन्न दृष्ट से देखा है, अपनी-अपनी सोच एवं अवधारणाओं के आधार पर। परंतु भरे हुए एक करोड़ कुंभों में भिन्न-भिन्न प्रतीत होता सूर्य तत्त्वतः एक ही है। भगवान् राम के संदर्भ में ऐसा ही कहा-समझा जा सकता है। सबने अपनी रुचि एवं मानसिक गुण-दोष के आधार पर राम का दर्शन किया है।
—मोरारी बापू
प्रस्तुत पुस्तक में भगवान् राम के सभी रूपों के दर्शन होते हैं। उनकी लोकप्रियता तथा लोकमानस के राममय होने का रहस्य इसमें है। श्रद्धा और आस्था का तेजोमय भक्तिघट है यह पुस्तक।
जन्म : 30 जून, 1937 को भावनगर, गुजरात में।
श्री दिनकर जोशी का रचना-संसार काफी व्यापक है। तैतालीस उपन्यास, ग्यारह कहानी-संग्रह, दस संपादित पुस्तकें, ‘महाभारत’ व ‘रामायण’ विषयक नौ अध्ययन ग्रंथ और लेख, प्रसंग चित्र, अन्य अनूदित पुस्तकों सहित अब तक उनकी कुल एक सौ पच्चीस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें गुजरात राज्य सरकार के पाँच पुरस्कार, गुजराती साहित्य परिषद् का ‘उमा स्नेह रश्मि पारितोषिक’ तथा गुजरात थियोसोफिकल सोसाइटी का ‘मैडम ब्लेवेट्स्की अवार्ड’ प्रदान किए गए हैं।
गांधीजी के पुत्र हरिलाल के जीवन पर आधारित उपन्यास ‘प्रकाशनो पडछायो’ हिंदी तथा मराठी में अनूदित। श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित दो ग्रंथ—‘श्याम एक बार आपोने आंगणे’ (उपन्यास) हिंदी, मराठी, तेलुगु व बँगला भाषा में अनूदित; ‘कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्’ हिंदी भाषा में तथा द्रोणाचार्य के जीवन पर आधारित उपन्यास ‘अमृतयात्रा’ हिंदी व मराठी में अनूदित हो चुका है। ‘35 अप 36 डाउन’ उपन्यास पर गुजराती में ‘राखना रमकडा’ फिल्म निर्मित।