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Ayodhya Ka Sach   

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Author Devendra Swaroop
Features
  • ISBN : 9788193295670
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Devendra Swaroop
  • 9788193295670
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2017
  • 276
  • Hard Cover

Description

इस संकलन में प्रस्तुत लेख सन् १९८६ से २००३ तक लिखे गए हैं। इन लेखों में अयोध्या आंदोलन के विभिन्न चरणों एवं रूपों का विहंगम चित्र प्रस्तुत किया गया है। लेखक स्वयं इस विवाह के ऐतिहासिक पक्ष से जुड़ी बहस में सहभागी रहा है। इन लेखों को पढ़ने से प्रकट होगा कि लेखक ने अयोध्या प्रश्न को एक स्थानीय मंदिर-मसजिद के रूप में देखने की बजाय विदेशी आक्रमणकारियों की मजहबी असहिष्णुता एवं विस्तारवाद की मध्य युगीन विचारधारा की विध्वंस लीला के लक्षण और प्रतीक के रूप में देखता है।
लेखका का मानना है कि इस विध्वंस लीला के लिए भारतीय मुसलमानों की वर्तमान पीढ़ी को कदापि उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता; किंतु यह भी उतना ही सच है कि जब तक उनकी वर्तमान पीढ़ी मजहबी असहिष्णुता और विस्तारवाद, हिंसा और विध्वंस की उस मध्य युगीन विचारधारा से संबंध-विच्छेद करके अपनी इसलाम पूर्व की ऐतिहासिक परंपरा को शिरोधार्य नहीं करती तब तक खंडित भारत में राष्ट्रीयता और पंथनिरपेक्षता का पौधा लहलहा नहीं सकता। इसलिए लेखक की दृष्टि में अयोध्या आंदोलन अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक समाजों में वर्चस्व का युद्ध न होकर राष्ट्रीयता और पंथनिरपेक्षता के सनातन भारतीय आदर्श के साथ भारतीय मुसलमानों को जोड़ने का एक रचनात्मक राष्ट्रीय आंदोलन है।

 

The Author

Devendra Swaroop

जन्म 30 मार्च, 1926 को कस्बा कांठ (मुरादाबाद) उ.प्र. में। सन. 1947 में काशी हिंदू विश्‍वविद्यालय से बी.एस-सी. पास करके सन् 1960 तक राष्‍ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक कार्यकर्ता। सन् 1961 में लखनऊ विश्‍वविद्यालय से एम. ए. (प्राचीन भारतीय इतिहास) में प्रथम श्रेणी, प्रथम स्‍थान। सन् 1961-1964 तक शोधकार्य। सन् 1964 से 1991 तक दिल्ली विश्‍वविद्यालय के पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज में इतिहास का अध्यापन। रीडर पद से सेवानिवृत्त। सन् 1985-1990 तक राष्‍ट्रीय अभिलेखागार में ब्रिटिश नीति के विभिन्न पक्षों का गहन अध्ययन। भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद‍् के ‘ब्रिटिश जनगणना नीति (1871-1941) का दस्तावेजीकरण’ प्रकल्प के मानद निदेशक। सन् 1942 के भारत छोड़ाा आंदोलन में विद्यालय से छह मास का निष्कासन। सन् 1948 में गाजीपुर जेल और आपातकाल में तिहाड़ जेल में बंदीवास। सन् 1980 से 1994 तक दीनदयाल शोध संस्‍थान के निदेशक व उपाध्यक्ष। सन् 1948 में ‘चेतना’ साप्‍ताहिक, वाराणसी में पत्रकारिता का सफर शुरू। सन् 1958 से ‘पाञ्चजन्य’ साप्‍ताहिक से सह संपादक, संपादक और स्तंभ लेखक के नाते संबद्ध। सन् 1960 -63 में दैनिक ‘स्वतंत्र भारत’ लखनऊ में उप संपादक। त्रैमासिक शोध पत्रिका ‘मंथन’ (अंग्रेजी और हिंदी का संपादन)।

विगत पचास वर्षों में पंद्रह सौ से अधिक लेखों का प्रकाशन। अनेक संगोष्‍ठ‌ियों में शोध-पत्रों की प्रस्तुति। ‘संघ : बीज से वृक्ष’, ‘संघ : राजनीति और मीडिया’, ‘जातिविहीन समाज का सपना’, ‘अयोध्या का सच’ और ‘चिरंतन सोमनाथ’ पुस्तकों का लेखन।

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