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भारत में सूफी काव्य-परंपरा काफी समृद्ध रही है। मुसलमान कवियों ने पंजाब में सूफी काव्य की बुनियाद रखी, जिनमें शेख फरीद सर्वोपरि हैं। उनका पूरा नाम फरीदुद्दीन मसऊद शक्करगंज है। दरअसल, शेख फरीद से ही भारतीय सूफी काव्य का आरंभ माना जाता है। फरीद का जन्म हिजरी 569 अर्थात् 1173 ईसवी में हुआ। उस दिन मोहर्रम की पहली तारीख थी। फरीद के पिता उनकी बाल्यावस्था में ही गुजर गए थे। उनकी माता ने ही उनके पालन-पोषण व शिक्षा की जिम्मेदारी पूरे फकीरी तथा दरवेशी ढंग से निभाई। उन्होंने बचपन से ही बालक फरीद को खुदापरस्ती की शिक्षा दी। पवित्र तथा संत स्वभाववाली माता की देखरेख में फरीद बचपन से ही प्रभु-भक्त हो गए। किशोर अवस्था में फरीद अपने सूफियाना स्वभाव के कारण कोतवाल (खोतवाल) में प्रसिद्ध हो गए थे।
प्रस्तुत पुस्तक में उनके व्यक्तित्व एवं उनके द्वारा विविध भाषाओं में रचित साहित्य से परिचित कराया गया है। फरीद-वाणी के दोहों तथा महला को व्याख्या सहित दिया गया है। संत साहित्य में विशिष्ट स्थान रखनेवाले बाबा शेख फरीद की रचनाओं का अत्यंत महत्त्वपूर्ण व संग्रहणीय संकलन।
शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी. (दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली)।
आलोचना : वारतककार गुरबख्श सिंह प्रीतलड़ी मनोविज्ञान अते पंजाबी कहानी, हिंदी-पंजाबी पत्र-पत्रिकाओं में अनेक समीक्षात्मक लेख व निबंध तथा विभिन्न पुस्तकें प्रकाशित।
अनुवाद : बच्चों की अनेक पुस्तकों के साथ-साथ हिंदी-पंजाबी में करीब 35 पुस्तकों का अनुवाद। डॉ. धर्मवीर भारती, कमलेश्वर, प्रेमचंद, चित्रा मुद्गल सहित अनेक वरिष्ठ साहित्यिकों की कृतियों का अनुवाद ने.बु.ट्र., साहित्य अकादेमी, भारतीय ज्ञानपीठ, प्रभात प्रकाशन, वाणी प्रकाशन, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, आलेख प्रकाशन इत्यादि से प्रकाशित।
अन्य मौलिक पुस्तकें : स्कूली शिक्षा के लिए अनेक पंजाबी रीडर्स (कक्षा एक से पाँचवीं तक), ‘एक पंथ दो काज’ (भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ), ‘छुट्टी न भई न’ तथा ‘मिलकर खेलें’ (ने.बु.ट्र.) हिंदी में।
सम्मान : पंजाबी अकादमी, दिल्ली से अनुवाद पुरस्कार (2006)।
संप्रति : माता सुंदरी कॉलेज में अध्यापन (दिल्ली)।फोन : 011-24371625