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Author N. Raghuraman
Features
  • ISBN : 9789352669509
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
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  • Kindle Store

More Information

  • N. Raghuraman
  • 9789352669509
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 160
  • Hard Cover
  • 250 Grams

Description

किसी भी अच्छी पहल को बस शुरू करने की जरूरत होती है। कुछ समय बाद उससे जुड़ी चीजें अपने आप अपनी जगह लेने लगती हैं और पहल को आगे ले जाती हैं, क्योंकि ऐसी पहल का मूल चरित्र होता है ‘अच्छाई’।
आपके पास जो कभी था ही नहीं, उसे बनाने के लिए आप में जुनून होना आवश्यक है, लेकिन इसे बनाए रखने के लिए आप में प्रतिबद्धता भी होनी चाहिए।
यदि आप अपने बच्चों को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ तोहफा देना चाहते हैं तो उन्हें समझाइए कि पर्यावरण और इसकी प्रजातियों की रक्षा करें। एक थीम आत्मसात् कर लें—‘गो वाइल्ड फॉर लाइफ’, यानी जिंदगी के लिए वन्य जीवन को बढ़ावा दें। अगली पीढ़ी निश्चय ही आपके इस बेशकीमती तोहफे की कद्र करेगी।
बदलाव के लिए उम्र, शिक्षा और स्थान बाधा नहीं होते। बुरे हालातों में किसी समस्या को सुलझाने के लिए मदद का इंतजार करने से बेहतर है कि बदलाव लाया जाए।
अगली पीढ़ी में धरती को बचाने और खुद को शिक्षित करने जैसी एकदम नई संस्कृति विकसित करना भी दान उत्सव का हिस्सा है।
—इसी पुस्तक से
—1—
ये सूत्र हैं ऐसे 75 रियल हीरोज के प्रेरणाप्रद जीवन का निचोड़, जिन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ समाज को दिया। अपने कर्तृत्व में दूसरों को दिशा दी और सफलता का मार्ग प्रशस्त किया।
आज के निराशा भरे समय में पथ-प्रदर्शक नायकों की प्रेरणाप्रद कहानियाँ

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अनुक्रम

प्रस्तावना — Pgs. 5

1. स्मार्ट बनने के समान ही महत्त्वपूर्ण है आदर्श बनना — Pgs. 11

2. क्या आपने कभी किसी गाँव को आत्मनिर्भर बनने में मदद की है — Pgs. 13

3. अच्छी पहल सिर्फ शुरू करनी होती है,
  रफ्तार तो यह अपने आप पकड़ लेती है — Pgs. 15

4. विचार बुरे अनुभव को भी स्मरणीय बना सकता है — Pgs. 17

5. अपने माता-पिता से दिन में कम-से-कम तीन बार बात करें — Pgs. 19

6. दृढ़ विश्वास के साथ बच्चे बनाते हैं बेहतर समाज — Pgs. 21

7. आप कितने अनुकरणीय हैं? — Pgs. 23

8. यदि विचार ऊँचे हों तो नियति उनके लिए रास्ता साफ कर देती है — Pgs. 25

9. अच्छाई बड़ी हो तो पोस्टल एड्रेस छोटा हो जाता है — Pgs. 27

10. शिक्षा प्रमाण-पत्र दीवार पर लटकाने के लिए नहीं — Pgs. 29

11. कौन कहता है कि गुनाहों को धोया नहीं जा सकता — Pgs. 31

12. किसी मिशन को जन्म देना उसे टिकाए रखने
  जितना ही महत्त्वपूर्ण होता है — Pgs. 33

13. हमदर्दी स्कूली बच्चों से वह करवा सकती है,
  जो सरकार भी न कर सकी हो — Pgs. 35

14. दुनिया को चाहिए नई सोचवाले नए नेता — Pgs. 37

15. अच्छे काम कठिन तो होते हैं,
  पर इनसे व्यापक सामाजिक लाभ मिलता है — Pgs. 39

16. हमारे बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ तोहफा है—स्वच्छ पर्यावरण — Pgs. 41

17. आप अपने संगठन में कितने अलग हैं — Pgs. 43

18. सबका साथ, सबका विकास पूरी मानवता का नारा बन सकता है — Pgs. 45

19. समाज में बदलाव के लिए खुद मिसाल बनें — Pgs. 47

20. ग्रामीण भारत में डिजिटल शिक्षा से चमत्कार — Pgs. 49

21. अच्छे माहौल से आते हैं अच्छे परिणाम — Pgs. 51

22. पर्यावरण स्वच्छ रखना हमारा भी दायित्व — Pgs. 53

23. डिजाइन का संबंध प्रोडक्ट के दिखने से नहीं,
  उसके अच्छे काम-काज से है — Pgs. 55

24. हालात खराब हों तो खुद में बदलाव लाएँ — Pgs. 57

25. जागरूकता फैलाने के लिए भी होता है प्रचार — Pgs. 59

26. दृढ़ आस्था असंभव को संभव बना देती है — Pgs. 61

27. पहचान चाहिए तो वह करें जो 69 वर्षों में न हुआ हो — Pgs. 63

28. संकट हो तो आइडिया कॉपी करने में हर्ज नहीं — Pgs. 65

29. दृढ़ प्रतिज्ञ हैं तो पहाड़ भी हिला सकते हैं — Pgs. 67

30. क्या आपने कभी असली दुनिया देखी है — Pgs. 69

31. बच्चों की ऊर्जा को सही दिशा दीजिए और फिर उनमें बदलाव देखिए — Pgs. 71

32. बच्चों को स्टाइलिश बनाना है तो उन्हें साहित्य से जोड़ें — Pgs. 73

33. दान को जिंदगी भर का शाश्वत उत्सव बनाइए — Pgs. 75

34. व्यक्ति, समाज व सामान सभी को रिब्रैंडिंग जरूरी — Pgs. 77

35. सफलता का हमेशा कोई-न-कोई नुस्खा होता है — Pgs. 79

36. समाज की मदद करने के लिए पुरानी कहानी को नया मोड़ देकर लिखें — Pgs. 81

37. साक्षरता में हर चीज की नियति बदलने की ताकत होती है — Pgs. 83

38. सेवानिवृत्ति सिर्फ नौकरी से, मगर जिंदगी से नहीं — Pgs. 85

39. आप अपने स्तर पर ही खत्म कर सकते हैं समस्याएँ — Pgs. 87

40. जीतने के लिए ऐसे प्रोजेक्ट बनाइए, जो लोगों को फायदा पहुँचाएँ — Pgs. 89

41. किसी चीज को नया स्वरूप देना भी आपका उद्देश्य बन सकता है — Pgs. 91

42. सफलता के लिए एकजुट हो जाएँ, पहल करें या कुछ नया करें — Pgs. 93

43. देना सीख लो तो अपने आप मिलने भी लगेगा — Pgs. 95

44. उद्देश्य आपको दूसरों से अलग और विशेष बनाता है — Pgs. 97

45. कान व आँख की साक्षरता बदलाव स्वीकारना सहज बना देती है — Pgs. 99

46. अच्छे लोग चुप नहीं रहते जो करना उचित है, कर डालते हैं — Pgs. 101

47. चिरस्थायी जीवन के लिए जंगलों को अपनाएँ — Pgs. 103

48. नए तरीकों से वंचित तबकों में स्थायी खुशियाँ लाना संभव — Pgs. 105

49. प्रजा का एक सदस्य भी कर सकता है राजा जैसा काम — Pgs. 107

50. भाग्य बहादुर का साथ देता है — Pgs. 109

51. खुशहाल देश समस्या देखता है तो समाधान खोजता है — Pgs. 111

52. कौन कहता है कि रचनात्मक लोग आंत्रप्रेन्योर नहीं हो सकते — Pgs. 113

53. समाज में फर्क पैदा करना गंभीर काम है — Pgs. 115

54. शहरी जीवन-शैली के बुरे असर से बच्चों को बचाएँ — Pgs. 117

55. सामाजिक कार्य व्यर्थ नहीं जाते, ये बदलाव लाते हैं — Pgs. 119

56. दीपावली के दीपक जलाए रखने के लिए तेल आवश्यक नहीं — Pgs. 121

57. जागरूकता किसी भी स्तर पर क्रांति ला सकती है — Pgs. 123

58. संकट का तात्कालिक समाधान कभी न करें — Pgs. 125

59. भारत-इंडिया के फर्क में बिजनेस संभावना — Pgs. 127

60. मौजूदा व्यवस्था में आमूल बदलाव इनोवेशन का नया अवतार — Pgs. 129

61. अधेड़ उम्र के लोगों के बुजुर्गों के लिए निर्भरता खत्म करना नया लक्ष्य — Pgs. 131

62. समाज की भलाई का हर प्रयास बड़ा ही होता है — Pgs. 133

63. एकजुट होकर सामूहिक शक्ति से जिंदगी को पूरी तरह बदल दें — Pgs. 135

64. हमेशा सिर्फ पैसा ही बिजनेस की प्रेरणा नहीं होता — Pgs. 137

65. आस्था को कम किए बिना दे सकते हैं भक्ति को ऊँचा स्तर — Pgs. 139

66. ‘उसकी सेना’ करे ‘उसके’ लोगों और धरती की देखभाल — Pgs. 141

67. आपका कद ‘ऑन स्क्रीन’ नहीं, ‘ऑफ स्क्रीन’ टेस्ट से तय होता है — Pgs. 143

68. अगली पीढ़ी को नई संस्कृति देना भी दान उत्सव है — Pgs. 145

69. भीतर से तैयार हो तो हर चीज से लगाव छूट सकता है — Pgs. 147

70. वह करते रहें जिसमें भरोसा हो, मंजिल पर पहुँच जाएँगे — Pgs. 149

71. अलग ही तरीके से समाज का बदला चुकाते हैं नेकदिल लोग — Pgs. 151

72. समाज सेवा में समुदाय अथवा शहर के व्यापक हित का ध्यान रखें — Pgs. 153

73. उद्देश्य से ज्यादा पवित्र होना चाहिए तरीका — Pgs. 155

74. कुछ काम ऐसे होते हैं कि उन्हें आँका नहीं जा सकता, महसूस किया जाता है — Pgs. 157

75. कम्युनिटी हेल्प ने अब नया अवतार ले लिया है — Pgs. 159

 

The Author

N. Raghuraman

एन. रघुरामन
मुंबई विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट और आई.आई.टी. (सोम) मुंबई के पूर्व छात्र श्री एन. रघुरामन मँजे हुए पत्रकार हैं। 30 वर्ष से अधिक के अपने पत्रकारिता के कॅरियर में वे ‘इंडियन एक्सप्रेस’, ‘डीएनए’ और ‘दैनिक भास्कर’ जैसे राष्ट्रीय दैनिकों में संपादक के रूप में काम कर चुके हैं। उनकी निपुण लेखनी से शायद ही कोई विषय बचा होगा, अपराध से लेकर राजनीति और व्यापार-विकास से लेकर सफल उद्यमिता तक सभी विषयों पर उन्होंने सफलतापूर्वक लिखा है। ‘दैनिक भास्कर’ के सभी संस्करणों में प्रकाशित होनेवाला उनका दैनिक स्तंभ ‘मैनेजमेंट फंडा’ देश भर में लोकप्रिय है और तीनों भाषाओं—मराठी, गुजराती व हिंदी—में प्रतिदिन करीब तीन करोड़ पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है। इस स्तंभ की सफलता का कारण इसमें असाधारण कार्य करनेवाले साधारण लोगों की कहानियों का हवाला देते हुए जीवन की सादगी का चित्रण किया जाता है।
श्री रघुरामन ओजस्वी, प्रेरक और प्रभावी वक्ता भी हैं; बहुत सी परिचर्चाओं और परिसंवादों के कुशल संचालक हैं। मानसिक शक्ति का पूरा इस्तेमाल करने तथा व्यक्ति को अपनी क्षमता के अधिकतम इस्तेमाल करने के उनके स्फूर्तिदायक तरीके की बहुत सराहना होती है।
इ-मेल : nraghuraman13@gmail.com

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