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Bal Rama   

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Author Nirupma
Features
  • ISBN : 9789383110858
  • Language : Hindi
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More Information

  • Nirupma
  • 9789383110858
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2016
  • 96
  • Hard Cover

Description

समस्त सुख और वैभव प्राप्त होने के बाद भी राजा दशरथ संतान न होने के कारण हमेशा दुःखी तथा चिंतित रहते थे। यहीं चिंता उन्हें दिन-रात खाए जा रही थी। गुरु वसिष्ठ से राजा दशरथ की यह दशा देखी नहीं गईं। अतः उन्होंने राजा दशरथ से कहा, ‘हे राजन्! यदि आप मुनि ऋष्यशृंग को पुत्रेष्टि-यज्ञ के लिए आमंत्रित करें तो शायद आपके इस दुःख का निदान संभव हो सके।’
   गुरु वसिष्ठ की बात मानकार राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि-यज्ञ के लिए तेजस्वी ऋष्यशृंग मुनि को निमंत्रण भिजवा दिया।
   ‘इसी पुस्तक से’

 

The Author

Nirupma

जन्म : 18 नवंबर, लखनऊ (उ.प्र.)।

प्रकाशन : ‘इंद्रधनुष अनुभूति के’, ‘झाँकता गुलमोहर’, ‘नई सदी के हस्ताक्षर’, ‘कहने को बहुत कुछ था’, ‘ठहरा हुआ सच’ (कहानी-संग्रह)।

सम्मान-पुरस्कार : ‘महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान’, ‘जनाब अब्दुल खालिक बच्चा सम्मान’, ‘मानव सेवा सम्मान’, ‘वैश्य गौर सम्मान’, ‘भारतीय बाल कल्याण साहित्य सम्मान’, ‘पांचाल महिला रत्न’, ‘शहीद महिला रत्न’ के अलावा अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित।

संप्रति : अध्यक्ष (प्रदेश शाखा), नारायणी साहित्य एकेडमी, नई दिल्ली; संस्थापक महासचिव, सृजन जनकल्याण सेवा समिति, बरेली।

वस्त्र मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की सदस्य।

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