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बेसिक मूलत: डॉस वातावरण की भाषा है; जबकि विजुअल बेसिक का विकास विंडोज वातावरण के लिए हुआ है । संभवत: बेसिक कंप्यूटर प्रक्रमण की सरलतम तथा सर्वप्रथम विकसित भाषा है । एक साधारण एवं न्यूनतम प्रावधानों के कंप्यूटर पर भी इस भाषा के प्रक्रमों का निर्माण, परीक्षण तथा उपयोग किया जा सकता है । प्रक्रमण के क्षेत्र में पदार्पण के इच्छुक प्रत्येक नवशिक्षु को सर्वप्रथम इस भाषा का ज्ञान एवं अभ्यास करने से इसकी प्रक्रमण प्रक्रिया के मूल तत्त्व सुस्पष्ट हो सकते हैं, जिससे उसे अन्य भाषाओं में प्रक्रमण सीखना सरल हो जाता है । नित्य प्रति घर-परिवारो में, छोटे व्यवसायों व कार्यालयों में तथा लघु उद्योगों में अनेक कार्य ऐसे होते हैं जो बेसिक के उपयोग से अत्यधिक सुविधापूर्वक संपन्न किए जा सकते हैं । इस पुस्तक में ऐसे अनेक उदाहरण दिए गए हैं ।
बेसिक के प्रक्रमों को सामान्य व्यक्ति द्वारा भी समझा जा सकता है; किंतु प्रक्रमण के लिए इसके नियमों का ज्ञान आवश्यक है, जो अत्यंत सरल हैं । अत: बेसिक का उपयोग नई-नई भाषाओं के विकास के कारण, चाहे व्यावहारिक प्रक्रमण से कम हो रहा हो, किंतु एक शैक्षणिक भाषा के रूप में बेसिक सदैव अग्रणी ही रहेगी । बेसिक को सीखाने में यह पुस्तक उपयोगी होगी, ऐसा हमारा विश्वास है ।
भारत की शीर्षस्थ इंजीनियरिंग शिक्षण संस्था रुड़की विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में 1971 के स्नातक श्री राम बंसल ' विज्ञाचार्य ' ने प. बंगाल स्थित दुर्गापुर इस्पात संयंत्र से अपनी व्यावसायिक जीवन-वृत्ति प्रारंभ की । तत्पश्चात् ( वे टाटा समूह की इंडियन ट्यूब्स कंपनी लिमिटेड, जमशेदपुर (बिहार) में व्यावसायिक प्रतिष्ठा प्राप्त करके मैटल ट्यूब्स प्रा. लि., पानीपत (हरियाणा) के संस्थापक-प्रबंधक रहे । 1983 से 1995 तक श्री विज्ञाचार्य ने स्वतंत्र औद्योगिक परामर्शदाता के रूप में अनेक औद्योगिक इकाइयों के संस्थापन एवं परिचालन में अपना योगदान दिया तथा औद्योगिक प्रबंधन पत्रिका ' फ्रैंड्स फॉर इंडस्ट्री ' का संपादन व प्रकाशन किया । वे 1996 से निरंतर लेखन कार्य में जुटे हैं । अंग्रेजी के अतिरिक्त हिंदी में भी वे अनेक तकनीकी पुस्तकों का लेखन कर चुके हैं, जिनमें से प्रमुख हैं-' वैद्युत् मशीनें ', ' मॉडर्न इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ', ' डिजिटल लॉजिक एंड माइक्रो कंप्यूटर टेकोलॉजी ' तथा ' इकॉर्मेशन सिस्टम : एनालिसिस एंड डिजाइन ' । वर्तमान में श्री विज्ञाचार्य मालवीय क्षेत्रीय अभियांत्रिक महाविद्यालय, जयपुर में अतिथि व्याख्याता हैं ।