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‘बंगाल टाइगर’ के उपनाम से प्रसिद्ध सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट टीम के अब तक के सबसे सफलतम कप्तान हैं। अपनी नेतृत्व क्षमता से वह टीम के सभी सदस्यों का मनोबल बढ़ाकर उनसे ‘द बेस्ट’ प्रदर्शन करवाने में सक्षम हैं। उन्होंने अपने व अपनी टीम के खेल-कौशल के कारण पूरी दुनिया के क्रिकेट-प्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को अपनी सूझ-बूझ व परिपक्वता से जिन ऊँचाइयों तक पहुँचाया है, वह प्रशंसनीय ही नहीं, अभिनंदनीय है। वह चाहे विश्व कप (2003) में दिखाया गया पराक्रम हो, इंग्लैंड दौरे की नटवेस्ट ट्रॉफी हो अथवा ऑस्ट्रेलिया या फिर पाकिस्तान के दौरों के रोमांचक एवं अविश्वसनीय रिकॉर्ड हों—सभी जगह उन्होंने क्रिकेट-प्रेमियों की प्रशंसा बटोरी है।
सौरव गांगुली की इस जीवनी में आरंभ से लेकर अब तक के उनके क्रिकेट कैरियर पर विहंगम दृष्टि डालने के साथ ही उनके व्यक्तित्व के अनेक अज्ञात पहलुओं को भी उजागर किया गया है।
प्रत्येक क्रिकेट-प्रेमी के लिए पठनीय एवं संग्रहणीय पुस्तक।
खेल पत्रकारिता की दुनिया में गुलु इज़ीक्यल एक जाने-माने स्तंभ हैं। खेल पत्रकार के रूप में इज़ीक्यल ने अपने कॅरियर की शुरुआत इंडियन एक्सप्रेस, मद्रास से की। इसके बाद 1991 में वे नई दिल्ली में अंग्रेजी अखबार पायनियर से जुड़े। 1993 से 94 तक उन्होंने एशियन एज में खेल संपादक के रूप में काम किया। इसके बाद वे फाइनेंशियल एक्सप्रेस और आउटलुक से भी जुड़े। 1996 से लेकर 2000 तक वे खेल संपादक के रूप में एनडीटीवी इंडिया में कार्यरत रहे। इसके बाद इसी भूमिका में इंडिया डॉट कॉम के लिए भी काम किया। 2001 में उन्होंने अपनी कंपनी जी.ई. फीचर्स लांच की।
इज़ीक्यल की कई पुस्तकें जैसे—सौरव : ए बायोग्राफी, द पेंग्विन बुक ऑफ क्रिकेट लिस्ट, द ए-जेड ऑफ सचिन तेंदुलकर और कैप्टन कूल : द एम.एस. धोनी स्टोरी आदि प्रकाशित हो चुकी हैं।