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हिंदी मंचों के धुरंधर हास्य-कवियों में प्रदीप चौबे का नाम अग्रणी है। वे ‘हास्य-गैस सिलेंडर’ कहे जाते हैं। नॉन स्टॉप ठहाकों की गारंटी माने जाते हैं। हँसाने की उनकी शैली और अंदाज़े-बयाँ सबसे अलग एवं अनूठा है। भारत-प्रसिद्ध मुंबई के हास्य समारोह के आयोजक स्व. रामावतार चेतन ने उनके सम्मान में मिर्जा गालिब का एक पैरोडी शेर कहा है—
‘हैं और भी हँसनवर भारत में बहुत अच्छे,
कहते हैं कि चौबे का है अंदाज़े-बयाँ और।’
हास्य-रस प्रदीप चौबे को विरासत में मिला है। उनके बड़े भाई हास्य के महापंडित कवि स्व. शैल चतुर्वेदी को कौन नहीं जानता! परंतु जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, प्रदीप चौबे का दूसरा पहलू है कि वे एक मँजे हुए शायर भी हैं और बहुत खूबसूरत गज़लें कहते हैं, और इसे ही वे अपना असली चेहरा मानते हैं। इस संग्रह में उनकी कुछ श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य गज़लें भी संकलित की गई हैं।
इन दिनों मंचों और फेस-बुक पर उनकी माइक्रो कविताएँ ‘आलपिन’ के रूप में का़फी धूम-धड़ाका कर रही हैं।
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अनुक्रम
1. आदत आदत है! — Pgs. 9
2. जरा बच के — Pgs. 11
3. बेचारे — Pgs. 16
4. फमया — Pgs. 19
5. या कहने! — Pgs. 22
6. एफ.आई.आर. 25
7. लोकतंत्र — Pgs. 34
8. भिखारी-1 — Pgs. 40
9. भिखारी-2 — Pgs. 41
10. भिखारी-3 — Pgs. 43
11. आदमी नहीं वोटर — Pgs. 45
12. किधर जाएँगे? — Pgs. 47
13. शायरिया — Pgs. 52
14. जो वादा किया... — Pgs. 56
15. बाप रे बाप! — Pgs. 66
16. सबसे बड़ा रुपैया — Pgs. 75
17. उखाड़ने वाले — Pgs. 85
18. हर शाख पे... 94
19. नहला-दहला — Pgs. 98
20. चल, दल बदल — Pgs. 102
21. युद्धं शरणं गच्छामि — Pgs. 108
22. वो कौन था? — Pgs. 112
23. रेल चली — Pgs. 120
24. मुसीबत है — Pgs. 135
25. अपनी शवयात्रा में — Pgs. 147
26. हँसी नहीं आती — Pgs. 157
27. शेरप्पन — Pgs. 160
28. पंद्रह अगस्त, पंद्रह अगस्त — Pgs. 163
29. व्यंग्य गजलें — Pgs. 169
जन्म : 26 अगस्त, 1949 (गणेश चतुर्थी) को चंद्रपुर (महाराष्ट्र) में।
शिक्षा : कला-स्नातक (नागपुर वि.वि.)।
रचना-संसार : ‘बहुत प्यासा है पानी’, ‘खुदा गायब है’ (़गज़ल संग्रह), ‘बाप रे बाप’ (हास्य-व्यंग्य कविताएँ), ‘आलपिन’ (छोटी कविताएँ), ‘चले जा रहे हैं’ (हास्य-व्यंग्य गज़लें) एवं कुछेक गद्य-व्यंग्य रचनाओं का कन्नड़ व गुजराती भाषाओं में प्रकाशन। ‘आरंभ-1’ (वार्षिकी), ‘आरंभ-2’ (गज़ल विश्वांक-1), ‘आरंभ-3’ (गज़ल विशेषांक), ‘आरंभ-4’ (गज़ल विश्वांक-2) का संपादन।
सम्मान-पुरस्कार : पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा द्वारा लोकप्रिय हास्य-कवि के रूप में सम्मानित, ‘काका हाथरसी पुरस्कार’, ‘अट्टहास युवा पुरस्कार’, ‘टेपा पुरस्कार’, ‘अट्टहास शिखर पुरस्कार’। बैंकॉक, हाँगकाँग, सिंगापुर, दुबई, बेल्जियम, अमेरिका, स्विट्ज़रलैंड, जर्मनी, मस्कट, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन आदि देशों की साहित्यिक यात्राएँ।
प्रसिद्ध युवा चित्रकार शिवाशीष शर्मा की 18 पुस्तकें कार्टूंस पर तथा 3 पुस्तकें पेंसिल आरेखन पर छप चुकी हैं। इनको चित्रकला संगम नई दिल्ली द्वारा ‘वर्ष का सर्वोत्तम कार्टूनिस्ट’ का पुरस्कार सन् 2007 में मिल चुका है।