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प्रेम आध्यात्मिक चिंतन को उजागर करता है, किशोर बालमन को आकर्षित करता है और पटाखा हास्य-व्यंग्य के रंग की आतिशबाजी अपने रंगों से खिलखिलाती है। हर उम्र और हर पड़ाव के पाठकों को लेखन से अपनी ओर आकर्षित करने में पटाखाजी की लोकप्रियता है। विगत पचास वर्षों से अधिक समय से लेखन से जुडे़ हैं। बताते हैं, एक काव्य मंच पर सन् 1962 में हाथरस में काका हाथरसी ने पटाखा नाम दिया, बोले, ‘हम काका, तुम पटाखा दोनों मिलकर डालें डाका।’ सन् 1980 के बाद पटाखाजी की तूती पूरे भारत वर्ष में पटाखों की तरह धमाके करने लगी। एच.एस.बी. रिकॉर्ड्स बनानेवाली कंपनी ने आपके ग्रामोफोन रिकॉर्ड्स बनाए। टी-सीरीज ने ऑडियो कैसेट और ईगल वीडियो ने वीडियो बनाकर हास्य-प्रेमियों को ठहाकों की दुनिया से जोड़ा। एक के बाद एक आपकी सत्तर के लगभग पुस्तकें बाजार में नजर आने लगीं। टी.वी. के अनेक चैनलों पर आपकी खिलखिलाती कविताएँ दर्शकों को गुदगुदाने लगीं।
अब उसी गुदगुदाहट को लेकर पटाखाजी की लोकप्रिय हास्य-व्यंग्य रचनाएँ आप पढें़-पढ़ाएँ और दूसरों को भी मुसकराहटें लुटाएँ।
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अनुक्रम
इस कवि में कुछ तो है — Pgs. 7
1. सरस्वती-वंदना — Pgs. 15
2. शब्द-यात्रा — Pgs. 17
3. हँसी के पल — Pgs. 21
4. दिव्य आत्मा बेटियाँ — Pgs. 23
5. खुलकर के आज हँस ले — Pgs. 28
6. सवाल ये है — Pgs. 31
7. जूता-संस्कृति — Pgs. 33
8. देश — Pgs. 36
9. राजनीति — Pgs. 37
10. हवाई आँकड़े — Pgs. 38
11. रोड शो — Pgs. 39
12. नेताश्री का भाषण — Pgs. 40
13. नाम पटाखा करो धमाका — Pgs. 43
14. पटाखा बोले बम चिक बम — Pgs. 45
15. चुप रहो — Pgs. 52
16. मार्केट में पटाखा — Pgs. 55
17. जय हो रेल मंत्री — Pgs. 57
18. दास्ताने जंग में (पत्नी कुंडली) — Pgs. 59
19. घूँघट कट-लाइट — Pgs. 62
20. चौथे तलाक के बाद — Pgs. 65
21. फिल्मी सेट पर — Pgs. 67
22. फिल्मी दरबार — Pgs. 68
23. पहलवान पत्नी — Pgs. 70
24. द्रौपदी चीरहरण — Pgs. 72
25. बहू का बेलन — Pgs. 74
26. ससुराल चलो — Pgs. 76
27. किया नमस्ते जीजाजी — Pgs. 80
28. सगाई में भैंस — Pgs. 84
29. महाकवि सूरदास होते — Pgs. 88
30. नेता बनाने का फार्मूला — Pgs. 90
31. चुनाव एक सर्कस है — Pgs. 91
32. नेता लाइव — Pgs. 92
33. नेता जन्म की कथा — Pgs. 95
34. कुत्तों से सावधान — Pgs. 98
35. मॉडर्न कुत्ता — Pgs. 100
36. यार भोला — Pgs. 101
37. घोड़े की रजत जयंती — Pgs. 102
38. संत और नेता — Pgs. 103
39. उद्घाटन के दिन — Pgs. 105
40. हाथी घोड़ा पालकी — Pgs. 106
41. चमचे ही चमचे — Pgs. 108
42. नेता और हज्जाम — Pgs. 110
43. नरक लोक की खिड़की — Pgs. 112
44. सारे जहाँ से अच्छा — Pgs. 115
45. चमत्कार कुरसियाँ — Pgs. 119
46. मकड़ी का जाला — Pgs. 122
47. व्यंग्य-बाण — Pgs. 124
48. बिकाऊ गधे — Pgs. 129
49. कहीं बाढ़ कहीं सूखा — Pgs. 132
50. खूब रही — Pgs. 133
51. चट मँगनी — Pgs. 134
52. दुलहन की विदाई — Pgs. 135
53. चढ़ती हुई बारात — Pgs. 136
54. मुनिश्री नारद ने पूछा — Pgs. 137
55. गायक श्री — Pgs. 139
56. हास्य गीत (डर लागे हमें मोटी दुलहन से) — Pgs. 141
57. कमांडो के घेरे में — Pgs. 143
58. सोने की लंका — Pgs. 145
59. पेमेंट इसी से लेनी है — Pgs. 147
60. लंका दहन — Pgs. 148
61. टेलीफोन भी हँसाता है — Pgs. 149
62. हास्य कवि सम्मेलन — Pgs. 151
63. बम-लहरी — Pgs. 159
64. देवनागरी अक्षरमाला — Pgs. 162
65. हँसने लगे अक्षर — Pgs. 165
66. कवि सम्मेलन शुरू — Pgs. 166
जन्म :दीपावली (1943), अलीगढ़ (उ.प्र.)।
रचना-संसार : ‘वाह पटाखा वाह’, ‘शाबाश डैडी’, ‘हास्य-विनोद काव्यकोश’, ‘हास्य कवियों की व्यंग्य-बौछार’, ‘श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य गीत’, ‘रंगारंग हास्य कवि-सम्मेलन’, ‘रंगारंग मुशायरा’, ‘व्यंग्य भरे कटाक्ष’, ‘नए युग के बीरबल’, ‘हँसी के रंग कवियों के संग’, ‘हँसता-खिलखिलाता हास्य कवि-सम्मेलन’, ‘हँसो बत्तीसी फाड़के’, ‘हँसले इंडिया’, ‘गजलें हिंदुस्तानी’, ‘हास्य-व्यंग्य जिंदाबाद’, ‘रंगारंग दोहे’, ‘गुदगुदी एक्सप्रेस’, ‘बेस्ट ऑफ अल्हड़ बीकानेरी’ (संपादित)। ‘अक्षर सरगम’, ‘गीत गुनगुन’, ‘गीत चुनमुन’, ‘नटरूट कविताएँ’, ‘गीत बहार’, ‘गीत-त्योहार’, ‘गीत कथाएँ’, ‘सच्चे बोल, अच्छे बोल’, ‘बालगीत-तरंगमाला’, ‘नन्ही सरगम’, ‘गीत महकते’। ‘अमृत ज्ञानधारा’, ‘सुधांशुजी महाराज दिव्य दोहावली’, ‘पंचदेव रक्षा करें’, ‘परम प्रभु के चौबीस अवतार’, ‘कीर्तन रामायण’, ‘101 अमर कथाएँ’, ‘गऊ काव्यरसामृत’ (संपादित), ईगल वीडियो कैसेट की ओर से हास्य के अनेक वीडियो मार्किट में।
सम्मान-पुरस्कार :‘हास्य रत्न’, ‘शिखर श्री’ एवं ‘बाल सखा श्री’ से सम्मानित। चित्रकला संगम नई दिल्ली की ओर से विशिष्ट सम्मान-2009।
संपर्क :लक्ष्मीपुरी (सराय हकीम) अलीगढ़ (उ.प्र.)। दूरभाष :09897067276
कार्टूनिस्ट
प्रसिद्ध युवा चित्रकार शिवाशीष शर्मा की 18 पुस्तकें कार्टूंस पर तथा 3 पुस्तकें पेंसिल आरेखन पर छप चुकी हैं। इनको चित्रकला संगम नई दिल्ली द्वारा ‘वर्ष का सर्वोत्तम कार्टूनिस्ट’ का पुरस्कार सन् 2007 में मिल चुका है।