Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Bhagwat Ki Kathayen   

₹400

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Manu Hari Pathak
Features
  • ISBN : 9788185829906
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Manu Hari Pathak
  • 9788185829906
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2015
  • 264
  • Hard Cover

Description

श्रीमद‍भागवत ' महान् पौराणिक ग्रंथ है । यह विश्‍व के सर्वश्रेष्‍ठ ग्रंथों में एक, संस्कृत साहित्य का परमोत्कृष्‍ट रत्‍न रथा सभी दार्शनिक मतभेदों का समन्वय करनेवाला ग्रंथ है । भगवान् के मधुरतम प्रेमरस का लहराता हुआ सागर है । जिस धर्म में कोई कपट न हो, ऐसा धर्म भागवत का मुख्य विषय है ।
' रामचरितमानस ' की भांति भागवत भी जन- जन तक पहुँच सके तो समाज प्रेमसूत्र में गुँथकर हिंसा, क्लेश, वैर - विरोध, ईर्ष्या-द्वेष, कामना-क्रोध जैसे दुर्गुणों से बच सकता है । आज शेषशायी की कथाओं से दूर तरुणाई ' सेजशायी ' लौकिक व्यक्‍त‌ियों से प्रभावित होने लगी है । ऐसे कठिन समय में श्रीमद‍्भागवत को आधार बनाकर जो कथाएँ लिखी गई हैं वे अत्यंत जनोपयोगी हैं ।
कथा में साधारण समाज का मन लगता है और इससे संस्कार-परिवर्तन की प्रक्रिया प्रारंभ होती है ।
प्रस्तुत पुस्तक में श्रीमद‍्भागवत की कथाओं- अंत:कथाओं का इतना सरल, रोचक और आनंददायी वर्णन है कि इसे स्त्री -पुरुष, बाल-वृद्ध बड़े चाव से पढ़ेंगे. ऐसा विश्‍वास है । भागवत की कथाओं का एक नए प्रवाह, एक नई शैली में प्रस्तुतिकरण; साथ ही बीच-बीच में कथाओं से संबंधित चित्रों का ऐसा सामंजस्य कि श्रीमद‍्भागवत के एक अलग ही स्वरूप के दर्शन होते हैं ।

The Author

Manu Hari Pathak

जन्म : 18 अक्‍टूबर, 1930
जन्मस्थान : धामणगाँव, महाराष्‍ट्र
शिक्षा : बीए., राष्‍ट्रभाषा कोविद
मराठी, गुजराती, हिंदी एवं अंग्रेजी भाषाओं की ज्ञाता । बचपन से ही लेखन में रुचि । अपने छात्र जीवन में स्कूल-कॉलेजों की पत्रिकाओं एवं जर्नलों में लिखती रही ।
1958 - 59 में ' राजस्थान पत्रिका ' की सहायक संपादक रहीं । ' हिंदुस्तान समाचार ' से कई स्तरों पर जुडी रहीं । 1971 -74 में चंडीगढ़ से निकलनेवाले हरियाणा के प्रथम हिंदी दैनिक ' हरियाणा पत्रिका ' की संपादक रहीं ।
धर्मयुग, साप्‍ताहिक हिंदुस्तान, दिनमान, नंदन, पराग, कादंबिनी, मुक्‍तधारा, सोशलिस्ट भारत, मनोरमा, समता युग, दैनिक हिंदुस्तान, नवभारत टाइम्स, पान्चजन्य, युगधर्म (हिंदी) तथा मंथन, साधना, समभाव (गुजराती) और लोकमत, स्त्री, सुसा (मराठी) आदि पत्र - पत्रिकाओं मे राजनीति, संस्कृति, समाज, बाल मनोविज्ञान एवं स्त्री उत्थान आदि विषयों पर सैकड़ों विशिष्‍ट लेख तथा भेंटवार्त्ताएँ एवं बाल कहानियाँ प्रकाशित ।
हिंदी पुस्तक ' चाँदी' का थाल ' की रचना की तथा मराठी एवं गुजराती से ' मंथन ', ' सुयोग साधना ', ' गंगावतरणम् ' आदि छह उपन्यासों का हिंदी में अनुवाद किया ।
संसद और उसके केंद्रीय कक्ष में प्रथम महिला पत्रकार के नाते मान्यता प्राप्‍त ।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW